सार
एंटरटेनमेंट डेस्क. धर्मेन्द्र की फैमिली ने फिल्मों को कई स्टार दिए हैं। इन्हीं में से एक स्टार ऐसा भी था, जिसने हिंदी नहीं, बल्कि पंजाबी फिल्मों में खासतौर पर पहचान बनाई थी। सिर्फ पहचान ही नहीं बनाई थी, वे पंजाबी फिल्मों के सुपरस्टार भी बन चुके थे। लेकिन यह कहां कोई जानता था कि एक दिन शूटिंग के दौरान ही फिल्म के सेट पर उनकी गोली मारकर हत्या कर दी जाएगी। आइए आपको बताते हैं धर्मेन्द्र के इस सुपरस्टार भाई के बारे में और यह भी बताते हैं कि कैसे फिल्म के सेट पर उनकी जान ले ली गई थी।
कौन था धर्मेन्द्र का वह सुपरस्टार भाई?
हम धर्मेन्द्र के जिस सुपरस्टार कजिन की बात कर रहे हैं, उनका नाम था वीरेंद्र। बताया जाता है कि 1980 के दशक में वे पंजाबी सिनेमा के सबसे बड़े सुपरस्टार्स में में से थे और उनकी तकरीबन हर फिल्म बॉक्स ऑफिस पर ब्लॉकबस्टर हुआ करती थी। उनकी दीवानगी इस कदर थी कि हर फिल्ममेकर उन्हें अपनी फिल्म में लेना चाहता था। सिर्फ पंजाबी ही नहीं, उन्होंने कुछ हिंदी फिल्मों में भी काम किया था और यहां भी उन्हें दर्शकों का खूब प्यार मिला था।
वह साल जब वीरेंद्र को सेट पर गोली मारी गई
1980 के दशक में पंजाब में खून-खराबा चरम पर था। आए दिन की ना किसी की हत्या की खबर सुनने को मिलती थी। 1988 में पंजाब के मशहूर सिंगर अमर सिंह चमकीला और उनकी पत्नी अमरजोत की गोली मारकर हत्या हुई और इस हत्याकांड के कुछ महीने बाद वीरेंद्र भी आतंकवादियों की गोलियों का शिकार हो गए। 6 दिसंबर 1988 को वीरेंद्र जब अपनी फिल्म 'जट ते ज़मीन' की शूटिंग कर रहे थे, तभी हमलावरों ने गोलियों से भूनकर उनकी हत्या कर दी।
आखिर क्यों वीरेंद्र की हत्या की गई थी?
यह ऐसा सवाल है, जिसका जवाब आज तक नहीं मिल सका। लेकिन कहा जाता है कि आतंकवादियों ने 40 साल के वीरेंद्र को अपनी फिल्म की शूटिंग बंद करने के लिए कहा था और जब उन्होंने उनकी बात नहीं मानी तो उनकी हत्या कर दी। वीरेंद्र अपने पीछे पत्नी पम्मी और दो बेटों रणदीप और रमनदीप आर्य को छोड़ गए थे। 'यात्रा' जैसे टीवी शो में होस्ट के तौर पर नज़र आईं दीप्ति भटनागर उनकी बहू हैं। बता दें कि वीरेंद्र का असली नाम सुभाष धडवाल था। वे एक्टर के साथ-साथ डायरेक्टर, प्रोड्यूसर और राइटर भी थे।
इन फिल्मों में नज़र आए थे वीरेंद्र
1975 में वीरेंद्र ने 'तेरी मेरी एक जिंदड़ी' से पंजाबी सिनेमा में डेब्यू किया था। इस फिल्म में धर्मेन्द्र की भी अहम् भूमिका थी। बाद में उन्होंने 'लम्बरदारनी', 'भाभी', 'बंटवारा', 'यारी जट दी' और 'दुश्मनी दी आग' जैसी पंजाबी फिल्मों में काम किया। वे हिंदी में 'खेल मुकद्दर का' और 'दो चेहरे' जैसी फिल्मों में दिखाई दिए थे।
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