सार

सशर्त जमानत मिलने के बाद लता रजनीकांत ने स्टेटमेंट जारी किया है और दावा किया है कि पूरे मामले में उन्हें फंसाया गया है, जबकि इससे उनका कुछ लेना-देना नहीं है। मामले की अगली सुनवाई 6 जनवरी 2024 को होगी। 

एंटरटेनमेंट डेस्क. सुपरस्टार रजनीकांत की पत्नी लता रजनीकांत (Latha Rajinikanth) को जालसाजी मामले में बेंगलुरु कोर्ट से सशर्त जमानत मिल गई है। यह मामला 2014 में रिलीज हुई तमिल फिल्म Kochadaiiyaan से जुड़ा हुआ है, जिसकी डायरेक्टर उनकी बेटी सौंदर्या रजनीकांत थीं और रजनीकांत ने इसमें लीड रोल निभाया था। इस मामले में लता रजनीकांत 26 दिसंबर को बेंगलुरु के मजिस्ट्रेट कोर्ट में पेश हुई थीं। उन्होंने कोर्ट में डिस्चार्ज एप्लीकेशन भी सबमिट की थी। कोर्ट में मामले की अगली सुनवाई 6 जनवरी 024 को होगी।

1 लाख रुपए के मुचलके पर मिली लता रजनीकांत को जमानत

कोर्ट ने लता रजनीकांत को 1 लाख रुपए के निजी मुचलके और 25 हजार रुपए की नगद जमानत पर राहत दी है। इसके साथ ही उन्होंने सबूतों के साथ छेड़छाड़ और गवाहों को प्रभावित ना करने के निर्देश दिए हैं। बता दें कि लता रजनीकांत भारतीय दंड संहिता के सेक्शन 196, 199, 463, 420 और 34 के तहत आरोप झेल रही हैं। शिकायतकर्ता ने उनकी डिस्चार्ज एप्लीकेशन पर आपत्ति जताई थी। उसने मामले को धारा 463 के तहत गैर जमानती बताते हुए जमानत ना देने की वकालत की थी।

लता रजनीकांत के खिलाफ किसने शिकायत दर्ज कराई

लता रजनीकांत के खिलाफ जालसाजी का मामला चेन्नई बेस्ड कंपनी एड ब्यूरो एडवरटाइजिंग ने दर्ज कराया है, जो फिल्म की प्रोडक्शन कंपनी मेसर्स मीडियावन ग्लोबल एंटरटेनमेंट लिमिटेड के साथ इसकी फाइनेंशियल डीलिंग कर रही थी। एड ब्यूरो एडवरटाइजिंग ने अपनी शिकायत में दावा किया था कि फिल्म के समय उन्होंने मीडियावन ग्लोबल एंटरटेनमेंट लिमिटेड को 10 करोड़ रुपए उधार के तौर पर दिए थे और पूरे मामले में लता रजनीकांत गारंटर बनी थीं। लेकिन जब फिल्म फ्लॉप हुई तो लता अपनी गारंटी से मुकर गईं। शिकायतकर्ता ने यह दावा भी किया है कि लता रजनीकांत ने फाइनेंशियल ट्रांजिक्शन के मामले में झूठी जानकारी प्रसारित कर रहे 70 मीडिया हाउसेस के खिलाफ निषेधाज्ञा ले ली। 2015 में निषेधाज्ञा को रद्द कर दिया गया। एड ब्यूरो एडवरटाइजिंग ने लता के खिलाफ निषेधाज्ञा केस में झूठे दस्तावेजों का इस्तेमाल करने का आरोप लगाया है।

लता रजनीकांत ने जारी किया बयान

लता रजनीकांत ने जमानत मिलने के बाद बयान जारी किया है। उनके मुताबिक़, उन्हें सेलेब्रिटी होने का खामियाजा भुगतना पड़ रहा है। उन्होंने यह दावा भी किया है कि उन्होंने किसी तरह की धोखाधड़ी नहीं की है। उनके मुताबिक़, पूरा मामला एक तरह की साजिश है, जो उनकी छवि खराब करने के लिए रची गई है। लता ने अपने बयान में यह भी कहा है कि गारंटर के रूप में उन्होंने कंपनी का भुगतान करा दिया था। बावजूद इसके उन्हें फंसाया गया है। उनके मुताबिक़, पूरा विवाद मीडिया वन और एड ब्यूरो एडवरटाइजिंग के बीच का है, जिससे उनका कोई लेना-देना नहीं है।

 

 

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