सार
सोशल मीडिया पर ये तस्वीर तेजी से वायरल हो रही है। इसके साथ दावा किया जा रहा है कि ये मुलायम सिंह यादव की सरकार में किया गया अत्याचार है।
क्या वायरल हो रहा है: यूपी में विधानसभा चुनाव होने वाले हैं। ऐसे में तमाम पार्टियों को लेकर कई पोस्ट वायरल (Viral) हो रही है। एक पोस्ट में दिखाया गया है कि एक पुलिसवाला लड़के के बार पकड़कर उसे रोड पर घसीट रहा है। तस्वीर के साथ लिखा है, यूपी के मित्रों। हमारे संतों का बाल पकड़ कर खिंचवाने वाला कोई जेहादी नहीं था। वो अखिलेश यादव (Akhilesh Yadav) के अब्बा जान थे। तो 3 महीने बाद वोट मांगने आए तो याद रखना। तस्वीर को तेजी से वायरल किया जा रहा है। व्हाट्सएप (WhatsApp) से लेकर फेसबुक (Facebook) और ट्विटर पर ये तस्वीर वायरल हो रही है।
वायरल तस्वीर का सच:
- वायरल तस्वीर की पड़ताल करने के लिए गूगल के रिवर्स इमेज टूल की मदद ली गई। वायरल तस्वीर की सर्चिंग करने पर कई लिंक मिले। Ashram.org नाम की एक वेबसाइट भी मिली। जहां पर आर्टिकल के साथ ये तस्वीर लगी ती। 6 दिसंबर 2009 को लिए आर्टिकल के मुताबिक, तस्वीर 27 नवंबर 2009 की है। आसाराम बापू के आश्रम पर उनके शिष्यों और गुजरात पुलिस के बीच झड़प हुई थी।
- कुछ कीवर्ड से सर्चिंग करने पर 28 नवंबर 2009 को इंडियन एक्सप्रेस का लिंक मिला, जिसके मुताबिक, आसाराम बापू के 236 समर्थकों को हत्या के प्रयास, साजिश और दंगा करने के आरोप में पुलिस ने कार्रवाई की। पुलिस ने 150 अनुयायियों को मोटेरा स्थित उनके आश्रम से हिरासत में लिया। गांधीनगर पुलिस के मुताबिक, इन लोगों को तलाशी अभियान के दौरान आश्रम से हिरासत में लिया गया था। उनसे पूछताछ की गई। दोषी पाए जाने पर उनके खिलाफ भी मामला दर्ज किया जाएगा।
निष्कर्ष: वायरल तस्वीर के साथ किया जा रहा दावा फेक है। तस्वीर उत्तर प्रदेश की नहीं बल्कि गुजरात की है। चूंकि यूपी में विधानसभा चुनाव होने हैं। ऐसे में ऐसे कई तस्वीरें और वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है। इसमें कुछ फेक है और कुछ सही। फिलहाल ये वायरल तस्वीर फेक है।
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