सार

Omicron Symptoms : कोरोना के नए वेरिएंट (new variant) को लेकर सोशल मीडिया पर कई पोस्ट वायरल हो रही है। एक पोस्ट में ओमीक्रोन के लक्षण को लेकर झूठ फैलाया जा रहा है।

क्या वायरल हो रहा है: इन दिनों सोशल मीडिया (Social Media) पर ओमीक्रोन (Omicron) को लेकर कई पोस्ट वायरल (Viral) हो रही है। एक पोस्ट के मुताबिक, कोरोना (Corona) के ओमीक्रोन वेरिएंट से संक्रमित मरीजों में अलग तरह के लक्षण (Corona Symptoms) पाए जा रहे हैं। ये लक्षण कोविड (Covid) के अन्य वेरिएंट से अलग हैं। पोस्ट में लिखा है, ब्रेकिंग। कोविड के नए वेरिएंट के कारण आपातकाल मीटिंग हुई। ओमीक्रोन से संक्रमित लोगों को खांसी या बुखार नहीं होगा। वायरल मैसेज में लिखा है, सीएम की प्रशासनिक अधिकारियों के साथ हुई मीटिंग में महत्वपूर्ण फैसले लिए गए हैं। जिसमें 50% क्षमता के साथ स्कूल खुलेंगे। बच्चे 6 में से 3 दिन ही स्कूल जाएंगे। स्कूलों और कॉलेजों में ऑनलाइन क्लासेज फिर से शुरू हो रही हैं। बिना मास्क वालों को फाइन देना पड़ेगा। प्राइवेट ऑफिस में काम करने के लिए वैक्सीन लगवाना जरूरी है। ओमीक्रोन से संक्रमित होने पर कई बार कोई भी लक्षण नहीं दिख रहा है। सावधान रहें। 
 
वायरल पोस्ट का सच:

  • वायरल पोस्ट की पड़ताल करने पर पता चला कि ये मैसेज कई महीने पहले से वायरल हो रहा है। तब से जब ओमीक्रोन की चर्चा भी नहीं हो रही थी। मैसेज में दावा किया गया है कि व्यक्ति में कोविड जैसे लक्षण नहीं दिखते हैं। हालांकि इस बात का अभी तक कोई पुख्ता प्रमाण नहीं मिला है। विश्व स्वास्थ्य संगठन ने कहा है कि थकान एक लक्षण है जो इसका एक मुख्य लक्षण है।
  • ओमीक्रोन का केस पहली बार 24 नवंबर को साउथ अफ्रीका में मिला। अभी इसे लेकर पर्याप्त जानकारी नहीं है। SARS-CoV-2 के स्पाइक प्रोटीन पर वेरिएंट में 30 से अधिक म्यूटेशन हैं, जो वायरस को शरीर के अंदर दाखिल होने को आसान बनाता है।  
  • भारत में भी ओमीक्रोन के 4 केस मिले हैं। सबसे पहले दो केस कर्नाटक में मिले थे। इसके बाद गुजरात में तीसरा केस मिला। चौथा केस मुंबई में मिला। कर्नाटक में मिले एक केस में तो मरीज की कोई ट्रेवल हिस्ट्री ही नहीं है। यानी उस व्यक्ति ने कहीं पर भी यात्रा नहीं की, इसके बाद भी संक्रमित हो गया। फिलहाल अभी रिसर्च जारी है।
  • कोविड के किसी भी वेरिएंट का पता लगाने के लिए पीसीआर टेस्ट किया जाता है। इससे ओमीक्रोन सहित COVID-19 के संक्रमण का पता लगाया जाता है। हालांकि अभी इसपर रिसर्च जारी है कि क्या रैपिड एंटीजन सहित दूसरे टेस्ट भी इसका पता लगा लेते हैं या नहीं। ओमीक्रोन को लेकर रिसर्च अनुसंधान जारी है। हालांकि जो लोग ज्यादा घूम फिर रहे हैं। वैक्सीन नहीं लगवाए हैं उन्हें ओमीक्रोन से सबसे ज्यादा खतरा है। ओमीक्रोन से बचने के लिए सबसे जरूरी चीज जो आप कर सकते हैं वह है वायरस के संपर्क में आने के जोखिम को कम करना।  

निष्कर्ष: कोरोना के नए वेरिएंट ओमीक्रोन को लेकर वायरल हो रही पोस्ट फेक है। जब ओमीक्रोन चर्चा में नहीं था उससे पहले से ही ये पोस्ट वायरल हो रही है। ओमीक्रोन पर अभी बहुत ही कम जानकारी सामने आई है। ऐसे में दुनिया के किसी भी देश ने इसे लेकर कुछ पुख्ता जानकारी नहीं दी है।

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