सार

आजकल कोई भी पार्टी शराब के बिना पूरी नहीं होती है। जब चार दोस्त मिल जाते हैं तो शराब की बोतलें खुल जाती हैं, लेकिन क्या कभी आपने सोचा है कि शराब पीने से पहले लोग चीयर्स बोलकर गिलास को क्यों टकराते हैं? अगर नहीं, तो आइए हम आपको बताते हैं।

फूड डेस्क : अक्सर लोग खुशी या गम में शराब का सेवन करते हैं। आजकल तो कोई भी पार्टी या ओकेजन बिना अल्कोहल (alcohol) के पूरा नहीं होता है। जब चार दोस्त मिल जाए तो महफिलें सच जाती है। लेकिन क्या कभी आपने सोचा है कि जब कोई शराब पीने बैठता है, तो इसे पीने से पहले गिलासों को टकराकर चीयर्स (Cheers) क्यों बोला जाता है? अगर नहीं, तो चलिए आज हम आपको बताते हैं कि शराब पीने से पहले चीयर्स क्यों बोला जाता है...

कहां से आया चीयर्स शब्द 
सबसे पहले आपको बताते हैं कि चीयर्स शब्द कहां से निकला। दरअसल, यह एक फ्रांसीसी शब्द chiere से बना है। जिसका मतलब होता है चेहरा या सिर। पहले के समय में चीयर्स बोलना उत्सुकता और प्रोत्साहन का प्रतीक होता था। इस बोलकर लोग अपनी खुशी जाहिर करते और जश्न मनाते थे। इसे बोलने का मतलब होता था कि अब अच्छा समय शुरू हो रहा है।

क्यों बोला जाता है चीयर्स
अब आपको बताते हैं कि शराब पीने से पहले गिलासों को टकराकर चीयर्स बोलकर आवाज क्यों निकाली जाती है। हर मनुष्य के 5 सेंसेस होते हैं। टच यानी कि छूना, टेस्ट यानी कि स्वाद लेना, देखना, सुनना और स्मेल करना यानी की सूंघना। लेकिन जब बात होती है शराब पीने की तो इसमें से एक सेंस काम करना बंद कर देता है, क्योंकि जब भी हम अपनी ड्रिंक बनाते हैं तो उसको टच कर सकते हैं, देख सकते हैं, स्मेल कर सकते हैं, टेस्ट कर सकते हैं, लेकिन उसको सुन नहीं सकते। इसी वजह से ड्रिंक पीने से पहले गिलासों को टकरा के चीयर्स बोलकर साउंड क्रिएट किया जाता है। ऐसा माना जाता है कि जब यह पांचों इंद्रियां काम करने लगती तो शराब पीने का एहसास और भी ज्यादा मजेदार हो जाता है।

भूत-प्रेत रहते है दूर
चीयर्स बोलने का एक अन्य कारण भी है। दरअसल, 18 वीं शताब्दी में चीयर्स शब्द का इस्तेमाल खुशी जाहिर करने के लिए होता था। कहा जाता है कि जर्मन रिवाज में अगर गिलास को टकराते हैं तो बुरी शक्तियां या भूत प्रेत दूर रहते हैं। मादक पदार्थ के आस-पास भूत-प्रेत ज्यादा आते है, इसलिए शराब पीने से पहले गिलासों को टकराकर चीयर्स बोला जाता है ताकि एविल या बुरी शक्तियों को दूर रखा जाए।

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