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'आरआरआर' और 'द कश्मीर फाइल' को पछाड़कर जिसने ऑस्कर की रेस में बनाई जगह, जानिए कैसे बनी वो 'छेलो शाे'
एंटरटेनमेंट डेस्क. बीते कुछ वक्त से इस बात की लगातार चर्चा की जा रही थी कि इस साल भारत की ओर से ऑस्कर में जाने वाली फिल्म कौन सी होगी। इस फेहरिस्त में साल की दो बड़ी फिल्में 'द कश्मीर फाइल्स' और 'आरआरआर' का नाम सबसे ऊपर था। सोशल मीडिया पर भी लगातार इस बात को लेकर चर्चा जारी थी। जहां कुछ यूजर्स 'आरआरआर' को सपोर्ट कर रहे थे वहीं कुछ यूजर्स का मानना था कि 'द कश्मीर फाइल्स' को ऑस्कर में भारत का प्रतिनिधित्व करना चाहिए। हालांकि, बड़ी हैरानी की बात है पर ये दोनों ही फिल्में ऑस्कर की रेस में शामिल नहीं हो पाईं। इन दोनों फिल्मों को मात देकर गुजराती फिल्म 'छेलो शो' (Chhello Show or Last Film Show) ने बाजी मार ली है। यह फिल्म भारत की ओर से ऑस्कर में आधिकारिक रूप से भेजी जाएगी। मंगलवार को द फिल्म फेडरेशन ऑफ इंडिया ने यह ऐलान किया है कि 'छेलो शो' ऑस्कर एंट्री के लिए चुनी गई है। जानिए इस फिल्म से जुड़ी कुछ मजेदार बातें...
| Published : Sep 20 2022, 09:01 PM IST / Updated: Sep 20 2022, 09:06 PM IST
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निर्देशक की अपनी यादों से प्रेरित है कहानी
इस फिल्म में ग्रामीण गुजरात के रहने वाले एक बच्चे के फिल्मों के प्रति प्यार को दिखाय गया है जो कि डायरेक्टर पैन नलिन की अपनी यादों से प्रेरित है। यह एक ऐसे बच्चे की कहानी है जो बचपन से ही फिल्म की दुनिया में जीता है। वो फिल्म बनाना चाहता है, वो फिल्म की दुनिया में काम करना चाहता है और आखिर में वो किस तरह अपनी मंजिल पर पहुंचता है। फिल्म का निर्देशन पैन नलिन ने किया है। इसमें भाविन रबरी, ऋचा मीणा, दीपेन रावल, भावेश श्रीमाली और परेश मेहता ने अहम किरदार किए हैं।
लॉकडाउन लगने से ठीक पहले पूरी हो गई थी शूटिंग
यह फिल्म डायरेक्टर नलिन की सेमी ऑटोबायोग्राफी है जो सौराष्ट्र के एक गांव में पैदा हुए और वही पले-बढ़े। फिल्म के लिए उसी गांव के 6 लोकल बच्चों को कास्ट किया गया। इसकी शूटिंग सौराष्ट्र के गांव में ही की गई। फिल्म की कास्टिंग नलिन के ही दोस्त दिलीप शंकर ने की जो की कास्टिंग डायरेक्टर हैं। इसकी शूटिंग मार्च 2020 में कोविड पैंडेमिक के चलते लगे लॉकडाउन से ठीक पहले पूरी कर ली गई थी। पैंडेमिक के दौरान इसके पोस्ट प्रोडक्शन का काम पूरा किया गया।
बयां करती है सिंगल-स्क्रीन सिनेमा की समाप्त हो चुकी संस्कृति
को यह फिल्म उम्मीद और मासूमियत की कहानी बयां करती है। यह भारत में सिंगल-स्क्रीन सिनेमा और 35 मिमी सेल्युलाइड फिल्मों की समाप्त हो चुकी संस्कृति को भी उजागर करती है।
ट्रिबेका फिल्म फेस्टिवल में चुनी गई पहली गुजराती फिल्म बनी
फिल्म का प्रीमियर 10 जून 2021 को 20वें ट्रिबेका फिल्म फेस्टिवल के स्पॉटलाइट सेक्शन में हुआ। यह फेस्टिवल सेक्शन के लिए चुनी गई पहली गुजराती फिल्म थी। यह फिल्म जर्मनी, स्पेन, जापान, इस्राइल और पुर्तगाल में भी रिलीज होगी। फिल्म को 21 से 29 सितंबर 2021 तक आयोजित होने वाले 11वें बीजिंग अंतर्राष्ट्रीय फिल्म समारोह में तियानटन पुरस्कारों के लिए नामांकित किया गया था।
कई अंतरराष्ट्रीय समारोह में बटोर चुकी है पुरस्कार
अब तक इस फिल्म का प्रदर्शन कई अंतरराष्ट्रीय फिल्म फेस्टिवल्स में किया जा चुका है। फिल्म का वर्ल्ड प्रीमियर रॉबर्ट डी नीरो के ट्रिबेका फिल्म फेस्टिवल में ओपनिंग फिल्म के रूप में किया गया था। स्पेन में हुए 66वें वलाडोलिड फिल्म फेस्टिवल में इस फिल्म ने गोल्डन स्पाइक सहित कई अन्य अंतरराष्ट्रीय फिल्म समारोह में पुरस्कार जीते। दुनियाभर के समीक्षकों और दर्शकों ने गुजराती भाषा की इस फिल्म की सराहना की है। अब यह गुजरात और देशभर के चुनिंदा सिनेमाघरों में 14 अक्टूबर 2022 को रिलीज होगी।
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