बैन हुईं ये 10 बॉलीवुड फ़िल्में, OTT प्लेटफॉर्म पर धड़ल्ले से चल रहीं
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अनफ्रीडम (2014)
डायरेक्टर राज अमित कुमार की इस फिल्म में आदिल हुसैन, प्रीति गुप्ता, भानु उदय गोस्वामी और समा रहमानी जैसे कलाकारों ने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। फिल्म को बैन करने के कई कारण थे। इनमें सबसे बड़ा कारण इसकी कहानी का लेस्बियन कपल और उनके रिश्ते के आसपास होना था। इसके अलावा इसमें आतंकवाद का एंगल भी शामिल था। फिल्म को नेटफ्लिक्स पर देखा जा सकता है।
एंग्री इंडियन गॉडेसेस (2015)
फिल्म में संध्या मृदुल, तनिष्ठा चटर्जी, सारा जेन डियास, अनुष्का मनचंदा, अमृत मघेरा और राजश्री देशपांडे जैसे स्टार्स अहम भूमिका में थे। पैन नलिन के निर्देशन वाली इस फिल्म को बैन नहीं किया गया था। लेकिन सेंसर बोर्ड ने इसमें देवियों के सीन काटने की शर्त रखी थी, जिसके चलते मेकर्स ने इसे OTT पर ले जाने का फैसला लिया था। फिल्म नेटफ्लिक्स पर देखी जा सकती है।
Gandu(2010)
फिल्म के टाइटल से ही इसके विवादास्पद होने का अंदाजा लगाया जा सकता है। फिल्म में आपत्तिजनक भाषा, सेक्स सीन, न्यूडिटी जैसे कारक थे, जिनके चलते सेंसर बोर्ड ने इसे रिलीज की अनुमति नहीं दी थी। नेटफ्लिक्स पर उपलब्ध इस फिल्म का निर्देशन कौशिक मुखर्जी ने किया है और इसमें अनुब्रता बसु, जयराज भट्टाचार्जी, कमालिका बनर्जी, सिलाजीत मजूमदार और ऋतुपर्ण सेन जैसे कलाकारों की अहम भूमिका है।
फायर (1996)
दीपा मेहता के निर्देशन में बनी इस फिल्म को शबाना आजमी और नंदिता दास के बीच फिल्माए गए इंटीमेट सीन की वजह से सेंसर बोर्ड ने बैन कर दिया था। फिल्म यूट्यूब पर उपलब्ध है।
वाटर (2005)
फिल्म की कहानी बनारस की विधवाओं पर आधारित है। इसमें बताया गया है कि कैसे उनकी गलती ना होने के बावजूद उनके साथ दुर्व्यवहार किया जाता है। हिंदूवादी संगठनों ने दीपा मेहता के निर्देशन में बनी इस फिल्म का जमकर विरोध किया था। यहां तक कि इसकी शूटिंग तक बैन करवा दी थी। जॉन अब्राहम, वहीदा रहमान, लीजा रे, सरला करियावासम, सीमा विश्वास और कुलभूषण खरबंदा जैसे स्टार्स से सजी यह फिल्म यूट्यूब पर उपलब्ध है।
किस्सा कुर्सी का (1977)
फिल्म का निर्देशन अमृत नाहटा ने किया है और इसमें शबाना आजमी, उत्पल दत्त, रिहाना सुलतान, मनोहर सिंह, सुरेखा सीकरी और राज किरण जैसे कलाकारों की महत्वपूर्ण भूमिका है। फिल्म में तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी और उनके बेटे संजय गांधी की जिंदगी से जुडी समानताएं दिखाई गई थीं। फिल्म को इमरजेंसी के दौरान रिलीज किया जाना था, लेकिन उस वक्त फिल्मों की रिलीज पर कांग्रेस का कंट्रोल था। सरकार ने इस पर बैन लगा दिया था। यह फिल्म यूट्यूब पर देखी जा सकती है।
LEOV (2015)
सुधांशु सरिया के निर्देशन वाली यह फिल्म नेटफ्लिक्स पर उपलब्ध है।ध्रुव गणेश, शिव पंडित, सिद्धार्थ मेनन और ऋषभ जे चड्ढा स्टारर इस फिल्म को गे कपल की लव स्टोरी के चलते नेफ्लिक्स पर लाया गया था। मेकर्स ने इसे सिनेमाघरों में लाने की कोशिश भी की थी, लेकिन वे इसमें फेल रहे।
इंशाअल्लाह फुटबॉल (2010)
यह अश्विन कुमार के निर्देशन में बनी एक डॉक्युमेंट्री फिल्म है। इसमें एक कश्मीरी लड़के की कहानी दिखाई गई है, जिसे इंटरनेशनल फुटबॉल ट्रेनिंग के लिए सिर्फ इसलिए नहीं चुना जाता, क्योंकि उसके पिता भारतीय सेना में रहे हैं। फिल्म पर्दे पर नहीं आ सकी, लेकिन इसे यूट्यूब पर देखा जा सकता है।
परजानिया (2005)
फिल्म का निर्देशन राहुल ढोलकिया ने किया था और इसमें सारिका, परजान दस्तूर, नसरुद्दीन शाह, राजेन्द्रनाथ जुत्शी जैसे स्टार्स की अहम भूमिका है। फिल्म की कहानी एक लड़के के इर्द-गिर्द घूमती है, जो गुजरात दंगों में खो जाता है। सेंसर बोर्ड ने फिल्म पर बैन लगा दिया था। हालांकि, इसे डिज्नी प्लस हॉटस्टार पर देखा जा सकता है।
ब्लैक फ्राइडे (2004)
अनुराग कश्यप के निर्देशन में बनी इस फिल्म को सिनेमाघरों में रिलीज की अनुमति नहीं मिली थी। क्योंकि यह फिल्म 1993 में हुए बम धमाकों पर आधारित थी। के. के. मेनन, आदित्य श्रीवास्तव, पवन मल्होत्रा जैसे स्टार्स की अदाकारी से सजी इस फिल्म को डिज्नी प्लस हॉटस्टार पर उपलब्ध है।
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