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काजोल क्यों नहीं बनीं सनी देओल की हीरोइन? क्यों 'ग़दर' के तारा सिंह बनते-बनते रह गए गोविंदा
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रिपोर्ट्स के मुताबिक़, 'ग़दर : एक प्रेम कथा' में तारा सिंह के रोल के लिए पहले गोविंदा मेकर्स की पहली पसंद थे, लेकिन इसी दौरान उनकी फिल्म 'महाराजा' फ्लॉप हुई, जिसके डायरेक्टर भी अनिल शर्मा ही थे। बताया जाता है कि इस फिल्म के फ्लॉप होते ही गोविंदा और अनिल शर्मा में क्रिएटिव डिफरेंस आए और गोविंदा के हाथ से यह फिल्म निकल गई। वैसे इस दावे को लेकर अनिल शर्मा का दावा कुछ और है।
अनिल शर्मा ने एक इंटरव्यू में स्पष्ट तौर पर कहा था कि गोविंदा कभी इस फिल्म के लिए उनकी पहली पसंद नहीं थे। उनके मुताबिक़, उन्होंने गोविंदा को फिल्म की कहानी सुनाई थी, लेकिन वे इसे सुनकर डर गए थे। शर्मा ने यह भी कहा था कि गोविंदा को जरूर लगा था कि वे उनके साथ 'ग़दर' बनाना चाहते थे, लेकिन असलियत यह है कि वे कभी इस फिल्म के लिए पहली पसंद नहीं थे। उनके मुताबिक़, फिल्म के लिए पहली और आखिरी पसंद सनी देओल ही थे।
फिल्म को लेकर दूसरा दावा यह किया जाता है कि काजोल को यह ऑफर की गई थी, लेकिन वे इसे करने को तैयार नहीं हुई थीं। बताया जाता है कि काजोल के पास तारीखें उपलब्ध नहीं थीं। खुद अनिल शर्मा ने बिना नाम लिए यह इशारा किया था कि काजोल सनी देओल को अपने स्टैंडर्ड का नहीं मानती थीं। उन्होंने यह भी कहा था कि उन्होंने कई एक्ट्रेसेस को फिल्म के लिए अप्रोच किया था, लेकिन किसी ना किसी बहाने से सभी ने इसे करने से इनकार कर दिया था।
बकौल अनिल शर्मा, "मैं नाम नहीं लूंगा, यह सही नहीं है। मीडिया किसी का भी नाम लेने के लिए स्वतंत्र है। लेकिन मैंने कई टॉप एक्ट्रेसेस को अप्रोच किया था। कुछ को लगा कि हम उनके स्टैंडर्ड के नहीं थे तो किसी को लगा सनी देओल उनके स्टैंडर्ड के नहीं थे। उन्हें लगा कि वे हमारे लिए काफी बड़ी थीं। उन्हें लगा कि हम ट्रेंड में नहीं थे। उन्होंने हमारी कहानी तक नहीं सुनी।"
शर्मा ने आगे बताया, "कुछ एक्ट्रेसेस को लगा कि यह पीरियड फिल्म थी और उनकी छवि खराब हो सकती है। उन दिनों फिल्म इंटरनेशनली शूट होती थीं और वे हमसे यूथ ओरिएंटेड फिल्म बनाने की मांग करते थे। वे कुछ ना कुछ बहाना बना देते थे।"
अमीषा पटेल की कास्टिंग को लेकर भी अनिल शर्मा ने खुलासा किया था। उन्होंने कहा था कि फिल्म के लिए 400 हीरोइनों का स्क्रीन टेस्ट लिया गया था, जिनमें से अमीषा पटेल को फाइनल किया गया था।
फिल्म के एक सीन में कपिल शर्मा भी शामिल थे। दरअसल, जिस वक्त इस फिल्म की शूटिंग चल रही थी, उस वक्त कपिल टीनएज में थे। वे उस सीन में भीड़ में दिखाई देते हैं, जिसमें अमीषा पटेल की ट्रेन छूट जाती है। कपिल को यह सीन अपने पिता की वजह से मिले थे, जो पुलिस ऑफिसर थे और फिल्म की शूटिंग के दौरान सेट पर उनकी ड्यूटी लगी हुई थी।
फिल्म ने पहले दिन 1.40 करोड़, पहले वीकेंड 4.08 करोड़ और पहले सप्ताह में 9.28 करोड़ रुपए कमाए थे। फिल्म का लाइफ टाइम कलेक्शन घरेलू बॉक्स ऑफिस पर लगभग 76.88 करोड़ और वर्ल्डवाइड 143 करोड़ रुपए रहा था।
फिल्म की कहानी ब्रिटिश आर्मी के रिटायर्ड ऑफिसर बूटा सिंह की लव स्टोरी से प्रेरित थी, जिन्होंने 1947 में विभाजन के दौरान मुस्लिम लड़की जैनब की जान बचाई थी। बूटा को जैनब से प्यार हो गया था और उन्होंने उनसे शादी कर ली थी। मुस्लिम होने की वजह से जैनब को बाद में पाकिस्तान भेज दिया गया था। बूटा जैनब को वापस लाने गैरकानूनी तरीके से पाकिस्तान में घुस जाते हैं, लेकिन जैनब परिवार के दबाव में पीछे हट जाती हैं। निराश बूटा पाकिस्तान के शाहदरा स्टेशन के पास चलती ट्रेन के आगे कूदकर अपनी बेटी के साथ ख़ुदकुशी की कोशिश करते हैं, लेकिन बेटी बच जाती है।
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