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खानदान नहीं चाहता था कोई विदेशी बहू आए, फिर परिवार के खिलाफ जाकर कपूर फैमिली के शख्स ने की शादी
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50 के दशक में जब शशि कपूर अपने पिता के साथ पृथ्वी थिएटर में काम करते थे। उस समय उनका एक प्ले कोलकाता के थिएटर में चल रहा था। ये शो इतना पसंद आया था कि लोगों की डिमांड पर इसे आगे बढ़ाया गया। इसी दौरान एक विदेशी लड़की रोज प्ले देखने आया करती थी और आगे वाली कतार में बैठती थी। शशि इस लड़की को देखते ही अपना दिल उसे दे बैठे थे।
दरअसल, ये लड़की और कोई नहीं जेनिफर केंडल थी, जो अपने पिता की नाटक मंडली शेक्सपिएराना के साथ पूर्वी एशिया की यात्रा पर आई थी। ग्रुप का नाटक भी इसी थिएटर में होना था जहां शशि अपने ग्रुप के साथ प्ले कर रहे थे। लेकिन लोगों की डिमांड पर शशि का प्ले आगे बढ़ा दिया गया था, यही वजह थी कि जेनिफर के थिएटर ग्रुप को अपनी बारी का इंतजार करना पड़ रहा था। इसी वजह से वे रोज प्ले देखने आती थी। शशि को जेनिफर इतनी पसंद आई कि उन्होंने उनसे मिलने के लिए अपने कजिन भाई शुभिराज से गुजारिश की थी।
शुभिराज ने शशि और जेनिफर को मिलाने का प्लान बनाया और दोनों की मुलाकात एक थिएटर में करवाई। मुलाकात के दौरान शशि बेहद डरे हुए थे वहीं जेनिफर नॉर्मल थी। बाद में धीरे-धीरे दोनों में दोस्ती हुई। जेनिफर का ग्रुप शशि को प्ले देखने बुलाने लगा। शशि, जेनिफर की मंडली में भी शामिल हो गए। इस दौरान उन्होंने जेनिफर के साथ कई नाटकों में काम किया। 1957 में शशि ने जेनिफर के थिएटर ग्रुप के साथ सिंगापुर जाकर नाटक का मंचन किया। इसी दौरान दोनों करीब आए थे।
शशि और जेनिफर का प्यार परवान चढ़ने लगा था। शशि ने जेनिफर के बारे में बड़े भाई शम्मी को बताया। शम्मी ने जेनिफर को घर लेकर आने को कहा। शशि, जेनिफर को लेकर शम्मी के घर पहुंचे। शम्मी की पत्नी गीता को जेनिफर पहली ही नजर में पसंद आ गई।
शशि, पिता पृथ्वीराज कपूर से डरते थे और अपनी और जेनिफर की शादी की बात करने से घबराते थे। उन्होंने ये जिम्मेदारी शम्मी को सौंप दी। शम्मी ने पिता से बात की लेकिन पृथ्वीराज को ये कतई मंजूर नहीं था कि उनके घर की बहू कोई विदेशी महिला बने। वहीं, केंडल की फैमिली इस रिश्ते से खुश नहीं थी।
पिता के मना करने के बाद केंडल ने शशि से कहा कि हम बालिग है और अपनी मर्जी से शादी कर सकते हैं। शम्मी और गीता ने शशि-केंडल की शादी (1958) करवाई। उस वक्त शशि महज 20 साल के थे तो जेनिफर 25 की थीं। जेनिफर एक शानदार एक्ट्रेस थीं लेकिन शादी के बाद उनकी पहली प्राथमिकता फैमिली रही। इसीलिए उन्होंने एक्टिंग छोड़ दी। दोनों के तीन बच्चे कुणाल, करन और संजना है। कैंसर की वजह से जेनिफर की 1984 में मौत हो गई।
आपको बता दें कि शशि कपूर को आखिरी बार साल 1998 में आई फिल्म 'साइड स्ट्रीट' में देखा गया था जिसमे उनके साथ शबाना आजमी लीड रोल में दिखाई दीं थीं। उसके बाद वो धीरे-धीरे लाइमलाइट से दूर होते चले गए और 4 दिसंबर 2017 को शशि कपूर ने इस दुनिया को अलविदा कह दिया।
उन्होंने अपने फिल्मी करियर में जब-जब फूल खिले, कन्यादान, प्यार का मौसम, एक श्रीमान एक श्रीमती, हसीना मान जाएगी, आ गले लग जा, फकीरा, फांसी, चोर मचाए शोर, मुक्ति, सत्यम शिवम सुंदरम, हीरालाल पन्नालाल, जुनून, स्वयंवर, काला पत्थर, दो और दो पांच, कभी-कभी, शर्मीली जैसी फिल्मों में काम किया।