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पंजाब चुनाव : मतदान से पहले कांग्रेस में डैमेज कंट्रोल की तैयारी, रुठों को मनाने में जुटे सांसद रवनीत बिट्टू
अमृतसर : पंजाब चुनाव (Punjab Chunav 2022) में मतदान से पहले कांग्रेस (Congress) ने अब आंतरिक कलह से निपटने की दिशा में काम करना शुरू कर दिया है। टिकट न मिलने से नाराज नेता प्रचार के लिए आगे नहीं आ रहे हैं। जिसका असर शायद कांग्रेस के कैडर वोट पर भी पड़ रहा है। यही कारण है कि कांग्रेस ने अब डैमेज कंट्रोल की तैयारी कर ली है। इसकी जिम्मेदारी सौंपी गई है सांसद रवनीत सिंह बिट्टू (Ravneet Singh Bittu) को। बिट्टू ने भी इस जिम्मेदारी को बखूबी निभाना शुरू कर दिया है और वे रुठे नेताओं के घर पहुंच रहे हैं और उनकी मनुहार कर रहे हैं...
| Published : Feb 11 2022, 08:16 AM IST / Updated: Feb 11 2022, 08:20 AM IST
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अमृतसर में पार्टी प्रधान नवजोत सिंह सिद्धू (Navjot Singh Sidhu) के ढीले चल रहे प्रचार को बिट्टू ने गति देने की कोशिश कर ली है। इस दौरे की शुरुआत रवनीत सिंह बिट्टू ने सबसे पहले कांग्रेस यूथ के प्रधान रहे ओर इंप्रूवमेंट ट्रस्ट के चेयरमैन रहे दिनेश बस्सी से मुलाकात करके की। दिनेश बस्सी ईस्ट हल्के के दावेदार रहे हैं। पिछले विधानसभा चुनावो में भी यह सीट नवजोत सिंह सिद्धू को दी गई थी।
उसके बाद दिनेश बस्सी को इंप्रूवमेंट ट्रस्ट का चेयरमैन नियुक्त किया गया था लेकिन सिद्धू के आते ही उनसे चेयरमैनशिप छीन ली गई थी। तब से ही दिनेश बस्सी नाराज चल रहे हैं। दिनेश बस्सी का ईस्ट हल्के में दबदबा रहा है, लेकिन वो फिलहाल कहीं भी कांग्रेस के किसी भी प्रचार प्रसार में नहीं दिख रहे हैं।
उसके बाद रवनीत सिंह बिट्टू अमृतसर से जिला प्लानिंग बोर्ड के चेयरमैन राज कंवल प्रितपाल सिंह लक्की के घर पहुंचे। लकी नॉर्थ से दावेदार थे और उनकी हल्के में अच्छी पैठ है लेकिन वहा से फिर से सीट सुनील दत्ती को ही दे दी गई। लकी पंजाब वाटर एंड सीवरेज प्लानिंग बोर्ड के वाइस चेयरमैन भी रहे हैं। पिछली बार मेयर की सीट के भी दावेदार रहे हैं।
राज कंवल प्रतिपाल सिंह लकी नॉर्थ में प्रचार के लिए हिस्सा नही ले रहे और ना ही दिलचस्पी दिखा रहे हालांकि वो अन्य इलाको में जा रहे हैं। लेकिन नॉर्थ में दबदबा होने के बावजूद वो वहां से किनारा कर रहे हैं, जिसका नुकसान कांग्रेस का हो रहा है।
कांग्रेस ने प्रचार चुनाव प्रचार की कमान बिट्टू को दी है। उन्होंने पंजाब में तेजी से काम करना भी शुरू कर दिया है। लेकिन अब जबकि मतदान में ज्यादा वक्त नहीं रह गया है। ऐसे में कांग्रेस का यह डैमेज कंट्रोल कितना कारगर हो पाएगा। इसका पता तो मतदान के दिन लगेगा। फिलहाल तो कई विधानसभा क्षेत्रों में बिखराव पार्टी के लिए परेशानी की वजह बनी हुई है।
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