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पति DM वाइफ ADM, ऐसा है सिल्वर मेडलिस्ट सुहास का परिवार, कर्नाटक के छोटे से गांव से निकलकर बनें IAS अफसर
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सुहास का जन्म 2 जुलाई 1983 को कर्नाटक के शिगोमा में हुआ था। उनका पूरा नाम सुहास लालिनाकेरे यतिराज है। बचपन से ही उनका एक पैर खराब है। लेकिन इसके बावजूद उन्होंने इसे अपनी कमजोरी नहीं बल्कि ताकत समझा और ना सिर्फ पढ़ाई में बल्कि खेल में भी अव्वल रहें।
पैर पूरी तरह फिट होने के चलते उन्हें कई बार समाज के ताने सुनने को मिले, लेकिन पिता और परिवार चट्टान की तरह उन तानों के सामने खड़े रहे और कभी भी सुहास का हौंसला नहीं टूटने दिया।
सुहास की शुरुआती पढ़ाई गांव में हुई। साथ ही उन्होंने बैडमिंटन खेलना शुरू किया। इसके बाद उन्होंने सुरतकर शहर में नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नॉलॉजी से कम्प्यूटर साइंस में इंजिनियरिंग पूरी की और बेंगलुरु की एक कंपनी में नौकरी करने लगे। लेकिन उनका मन समाज के लिए कुछ करने का था, इसलिए उन्होंने UPSC की तैयारी शुरू की।
2005 में पिता की मौत के बाद सुहास पूरी तरह से टूट चुके थे। लेकिन फिर भी उन्होंने खुद को संभाला और मन लगाकर UPSC की तैयारी की। साल 2007 में सुहास UP कैडर से IAS अधिकारी बने। UPSC परीक्षा पास करने के बाद उनकी पोस्टिंग आगरा में हुई। आगरा के बाद जौनपुर, सोनभद्र, आजमगढ़. हाथरस, महाराजगंज, प्रयागराज और फिर गौतमबुद्धनगर के जिलाधिकारी बने।
सुहास यतिराज की पर्सनल लाइफ की बात करें तो उनकी पत्नि ऋतु सुहास गाजियाबाद की एडीएम है। उनके 2 बच्चे एक बेटा और 1 बेटी है। जिनका नाम सान्वी और विवान हैं। वह एक समझदार इंसान के साथ ही, एक केयरिंग पति और पिता हैं।
सुहास को बचपन से ही खेलने का बहुत शौक था IAS अधिकारी बनने के बाद भी उन्होंने अपने बैडमिंटन खेलना बंद नहीं किया और अपनी ड्यूटी खत्म होने के बाद सुहास टाइम निकालकर बैडमिंडन खेलने जाया करते थे।
2016 में सुहास ने इंटरनेशनल मैच खेलना शुरू किया और इतिहास रच दिया। वह अंतरराष्ट्रीय बैडमिंटन टूर्नामेंट जीतने वाले पहले भारतीय नौकरशाह बने थे। उस समय वह आजमगढ़ के जिलाधिकारी थे। उन्होंने इस चैंपियनशिप में गोल्ड मेडल जीता था। वह बैडमिंटन में 6 बार गोल्ड और एक बार रजत जीत चुके हैं।
सुहास देश के पहले IAS अफसर हैं, जिन्होंने टोक्यो पैरालंपिक में भारत का प्रतिनिधित्व किया। इस खेल आयोजन में उन्होंने शानदार प्रदर्शन दिखाया और फाइनल्स तक पहुंचे। हालांकि, फाइनल में वह फ्रांस के लुकास मजूर (Lucas Mazur) के खिलाफ पुरुष एकल SL4 में हारकर गए, लेकिन उन्होंने सिल्वर मेडल अपने नाम है। उनकी इस जीत से यूपी के सीएम से लेकर पीएम मोदी तक बहुत खुश हैं। वहीं, उनकी पत्नि ने भी उनकी जीत पर खुशी जताई है।