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होली से पहले उजड़ गया मांग का सिंदूर, 18 फरवरी को इस इकलौते चिराग जांबाज सैनिक का जन्मदिन भी था
| Published : Feb 10 2020, 12:07 PM IST
होली से पहले उजड़ गया मांग का सिंदूर, 18 फरवरी को इस इकलौते चिराग जांबाज सैनिक का जन्मदिन भी था
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राजीव शेखावत वर्ष, 2002 में सेना में भर्ती हुए थे। वे इन दिनों 5 राजपूत ग्रुप में नायक के पद पर तैनात थे। राजीव हाल में छुट्टियां खत्म करके ड्यूटी पर लौटे थे। वे दिसंबर में लीव पर आए थे, जबकि 8 जनवरी को लौट गए थे। अभी वो देगवार सेक्टर में एक अग्रिम चौकी में तैनात थे।रविवार को जैसे ही राजीव शेखावत के शहीद होने की खबर घर पहुंची..पूरा मोहल्ला गमगीन हो गया। मुख्यमंत्री अशोक गहलोत उनकी वीरता को सलाम करते हुए परिजनों को ढांढस बंधाया।
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राजीव जनवरी में ही श्रीगंगानगर से जम्मू कश्मीर में तैनात हुए थे। वे अपने परिवार में इकलौते बेटे थे। उनकी एक बड़ी बहन सीमा कंवर है।
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रविवार को जैसे ही राजीव शेखावत के शहीद होने की खबर घर पहुंची..पूरा मोहल्ला गमगीन हो गया। मुख्यमंत्री अशोक गहलोत उनकी वीरता को सलाम करते हुए परिजनों को ढांढस बंधाया।
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शहीद के परिजनों से मिलने पहुंचे सांसद कर्नल राज्यवर्धनसिंह राठौड़ भी शहीद के परिजनों से मिले। बताया जाता है कि गांव में 14 फरवरी को नवनिर्मित सीताराम मंदिर में भव्य धार्मिक आयोजन रखा गया था। अब उसे स्थगित कर दिया गया है।
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शहीद की पत्नी उषा देवी गृहणी हैं। उनके 10 साल का एक बेटा है। शहीद के पिता शंकर सिंह भी सेना में अपनी सेवाएं दे चुके हैं। शहीद के दोस्त भगवत सिंह के मुताबिक, राजीव जुनूनी था। वो जो ठान लेता था, कर गुजरता था।