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कौन हैं राजघराने की प्रिंसेस दीया सिंह, ताजमहल को बता रहीं अपना महल, चर्चा में रही लव स्टोरी, आम आदमी से शादी
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राजकुमारी दीया जयपुर राजघराने से संबंध रखती हैं। मुगल सम्राट अकबर के नवरत्नों में शामिल मान सिंह का यह राजघराना काफी जाना-माना था। सबसे पहले इसे आमेर और फिर बाद में जयपुर के नाम से प्रसिद्धि मिली। यह राजघराना खुद को भगवान राम का वंशज बताता है। कहा जाता है कि इसी परिवार के महाराज सवाई भवानी सिंह भगवान राम के बेटे कुश के 309वें वंशज थे। उनकी पत्नी का नाम पद्मिनी देवी है। जिसे लोग स्वीकार भी करते हैं।
दीया कुमारी महाराजा सवाई भवानी सिंह और उनकी पत्नी पद्मिनी देवी की इकलौती संतान हैं। भवानी सिंह ने 24 जून 1970 से 28 दिसंबर 1971 तक जयपुर में बतौर महाराज राज किया। महाराज और महारानी को कोई बेटा नहीं था तो उन्होंने अपनी बेटी दीया के बेटे को ही साल 2011 में अपना वारिस घोषित कर दिया। दीया कुमारी को बहुत ही लाड़-प्यार से पाला गया है। महाराज-महारानी अपनी इकलौती संतान को बहुत प्यार करते। बचपन में उन्हें कभी अपने से दूर नहीं रखा। दीया कुमारी ने पहले दिल्ली में पढ़ाई की फिर जयपुर में और आगे की पढ़ाई लंदन में की।
दीया कुमारी अपनी पर्सनल लाइफ भी काफी उतार-चढ़ाव वाली रही। साल 1997 में दीया कुमारी ने शिवाड़ के नरेंद्र सिंह से लव मैरिज की थी। इस शादी के लिए परिवार राजी नहीं था। हालांकि अब दोनों के बीच तलाक हो चुका है। दीया ने अपनी लव स्टोरी को लेकर एक ब्लॉग भी लिखा था। जिसमें उन्होंने बताया था कि जब वे 18 साल की थीं, तब उनकी मुलाकात नरेंद्र सिंह से हुई थी और तभी वे उनसे प्यार करने लगी थी। नरेंद्र सिंह का राजपरिवार से कोई भी संबंध नहीं था। एक आम आदमी से इस तरह राजकुमारी का शादी करना काफी सुर्खियों में रहा।
राजकुमारी दीया और नरेंद्र की मुलाकात महाराज सवाई मान सिंह म्यूजियम में हुई थी। उस वक्त नरेंद्र पढ़ाई के बाद संग्रहालय ट्रस्ट में ट्रेनिंग कर रहे थे। कई साल तक दोनों साथ रहे लेकिन शादी के 21 साल बाद 2018 में दोनों ने तलाक ले लिया। दीया और नरेंद्र के तीन बच्चे भी हैं। बड़े बेटे का नाम पद्मनाभ और छोटे का नाम लक्ष्यराज सिंह है। उनकी बेटी का नाम गौरवी है। दीया के पिता भवानी सिंह का निधन 2011 में हो गया था, उनके बाद उनका वारिस और दीया का बड़ा बेटा पद्मनाभ सिंह महाराज बना।
दीया कुमारी अपनी दादी राजमाता गायत्री देवी से बहुत प्रभावित हैं। उनकी तरह ही उन्होंने भी राजनीति में एंट्री ली। सितंबर 2013 में जयपुर में आयोजित भारतीय जनता पार्टी की एक रैली उन्होंने बीजेपी ज्वॉइन की। पहली बार वो सवाई माधोपुर से विधायक बनीं फिर लोकसभा चुनाव 2019 में राजस्थान की पांच सबसे हॉट सीटों में से एक राजसमंद से शानदार जीत दर्ज करते हुए 5,519,16 वोटों से विपक्षी को हराया। दीया कुमारी अपनी लाइफ स्टाइल के कारण भी हमेशा लाइम लाइट में रहती हैं।
अब बुधवार को राजकुमारी दीया ने दावा किया है कि ताजमहल जयपुर के पूर्व राजपरिवार का एक महल था, जिसे मुगल शासक शहाजहां ने कब्जा कर लिया था। उन्होंने कहा कि चूंकि उस वक्त मुगलों का ही शासन था, इसलिए राज परिवार इसका विरोध नहीं कर सका। उन्होंने कहा कि उनके ट्रस्ट के पोथीखाने में इसके दस्तावेज भी मौजूद है। अगर जरुरत पड़ी तो उसको भी दिखाएंगी।
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