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मरकर अमर हो गई 13 साल की बच्ची, लोग बोले-वह ईश्वर का रूप थी, मौत के बाद भी बिलखते माता-पिता कर रहे गर्व
धौलपुर (राजस्थान). कुछ ऐसे भी इंसान होते हैं जो मरकर भी अमर हो जाते हैं। लोग उनको चाहकर भी नहीं भूल पाते हैं। राजस्थान के धौलपुर की 13 साल की ऐसी एक बच्ची है जिसकी मौत तो हो गई, लेकिन उसकी बहादुरी के चर्चे हर तरफ हो रहे हैं। इस साहसी बेटी ने अपनी जान पर खेलकर तीन बच्चों की जान बचा ली। आखिर में वह चौथे को बचाते-बचाते खुद दुनिया को अलविदा कह गई। पढ़िए मौत के बाद माता-पिता कर रहे गर्व महसूस...
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दरअसल, इस बहादुरी बेटी का नाम अनुष्का है जो कि धौलपुर जिले के खूबी का पुरा गांव की रहने वाली थी। रक्षाबंधन के दूसरे दिन 23 अगस्त को वह गांव के बच्चों के साथ पार्वती नदी में फुलरिया विसर्जन करने के लिए गई हुई थी। इसी दौरान अचानक तीन बच्चे नदी में डबूने लगे तो अनुष्का ने उनकी जान बचाने के लिए नदी में छलांग लगा दी।
अनुष्का ने किसी तरह तीनों बच्चों को पानी से निकालकर ले आई। लेकिन इसी बीच उसकी छोटी बहन पानी में डूबने लगी तो वह फिर से उसे बचाने के लिए गई। इस बार वह लौटकर नहीं आई..देखते ही देखते वह पानी के तेज बाहव में बह गई।
बहादुर बेटी के जाने के बाद पूरे गांव में मातम पसरा हुआ है। माता-पिता एक तरफ बिलख रहे हैं तो दूसरी तरफ वह उसकी जिंदादिली को सलाम करते हुए गर्व महसूस कर रहे हैं। वहीं गाव के लोगों का कहना है कि अऩुष्का भगवान का रुप थी जो अपनी जान पर खेलकर तीन बच्चों को जीवनदान दे गई।
बता दें कि अनुष्का के पिता बंटी देहाड़ी मजदूरी करते हैं, वह अपने दो भाईयों में सबसे छोटी थी। लेकिन वह दोनों भाइयों में सबसे ज्यादा पढ़ने में होशियार थी। सातवीं क्लास में वह पहले स्थान पर आई थी। पिता का कहना है कि वह बड़ा होकर पुलिस अफसर बनना चाहती थी। लेकिन वह जाते-जाते ऐसा काम कर गई जो शायद कोई पुलिस अफसर भी नहीं कर पाता।
अनुष्का की तारीफ करते हुए पूरा गांव नहीं थक रहा है। ग्रामीण हरिओम ने कहा कि वह मेरे लिए किसी मसीहा से कम नहीं थे। उसने अपनी जान पर खेलकर मेरे दो बच्चों की जिदंगी बचाई है। उसको मेरा परिवार कभी नहीं भूल पाएगा।