- Home
- Entertianment
- TV
- 5 साल भी नहीं चली इस एक्ट्रेस की शादी, आए दिन मारपीट करता था पति; फिर यू मिली नर्क जैसी जिंदगी से आजादी
5 साल भी नहीं चली इस एक्ट्रेस की शादी, आए दिन मारपीट करता था पति; फिर यू मिली नर्क जैसी जिंदगी से आजादी
- FB
- TW
- Linkdin
युक्ता मुखी ने 3 जुलाई, 2013 को पति प्रिंस तुली के खिलाफ मुंबई के अंबोली थाने में दहेज उत्पीड़न और अननेचरल सेक्स का मामला दर्ज कराया था। उन्होंने अपनी शिकायत में पति पर परेशान करने और मारपीट करने का भी आरोप लगाया था।
युक्ता ने एक इंटरव्यू में बताया था कि उनका हसबैंड उन्हें जानवरों की तरह पीटता था। उसकी फैमिली नहीं चाहती थी कि मैं फिल्मों में काम करूं। युक्ता मुखी और प्रिंस तुली की मुलाकात नागपुर में उस वक्त हुई थी, जब युक्ता एक फोटोशूट के सिलसिले में वहां गई थीं।
प्रिंस तुली एक बड़े औद्योगिक घराने से संबंध रखते हैं। उनका परिवार होटल, मॉल्स, कॉलेज और इक्विपमेंट्स बनाने के फील्ड में एक्टिव है। दोनों ने नवंबर 2008 में नागपुर में शादी कर ली थी।
7, सितंबर 2008 में युक्ता और प्रिंस की सगाई हुई और इसी साल नवंबर में नागपुर के गुरूद्वारे में सिख रीति-रिवाज से दोनों ने शादी कर ली। हालांकि, यह शादी पांच साल भी नहीं चली।
जुलाई 2013 में प्रिंस तुली से युक्ता का अलगाव हुआ और जून 2014 में आखिरकार युक्ता को नर्क जैसी जिंदगी से आजादी मिली। बता दें, कि प्रिंस तुली और युक्ता मुखी का एक बेटा अहेरिन है, जिसकी कस्टडी अब युक्ता के ही पास है। वो अकेले ही बच्चे की परवरिश कर रही हैं।
4 दिसंबर, 1999 को लंदन में युक्ता ने 49वां मिस वर्ल्ड कॉम्पिटीशन जीता था। उन्होंने 93 देशों के कंटेस्टेंट को हराते हुए यह ताज अपने नाम किया था। इससे पहले भारत की रीता फारिया (1966) , ऐश्वर्या राय (1994) और डायना हेडन (1997) मिस वर्ल्ड का टाइटल जीत चुकी थीं।
युक्ता मुखी ने 2002 में आई फिल्म 'प्यासा' से बॉलीवुड डेब्यू किया था। इसमें उनके अपोजिट आफताब शिवदासानी थे। हालांकि यह बॉक्स ऑफिस पर फ्लॉप रही थी।
इसके बाद 2005 में युक्ता ने दो और फिल्में 'मेमसाब' और 'लव इन जापान' में काम किया। ये फिल्में भी कुछ खास नहीं चलीं। 2006 में उन्होंने म्यूजिक एल्बम 'कठपुतली' में भी काम किया था।
युक्ता ने 2010 में अपनी आंखें आई बैंक को डोनेट कर दीं। इसके अलावा भी वो कई सोशल और चैरिटेबल इवेंट्स में पार्टिसिपेट करती हैं। वो गरीब और दलित बच्चों की भी मदद करती हैं।