102 साल पहले भी फैली थी कोरोना जैसी महामारी, निगल गई थी 5 करोड़ लोगों की जिंदगी
| Published : Mar 15 2020, 01:26 PM IST / Updated: Mar 15 2020, 03:14 PM IST
102 साल पहले भी फैली थी कोरोना जैसी महामारी, निगल गई थी 5 करोड़ लोगों की जिंदगी
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1918 में दुनिया में कनेक्टिविटी कम थी। लोगों को एक देश से दूसरे देश जाने में काफी समय लगता था। साथ ही काफी कम लोग ही दूसरे देशों की यात्रा करते थे।
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1918 में यूरोप में सर्दी-खांसी जैसा फ्लू फैला। ये फ्लू इंसानों में फैलने वाला था। देखते ही देखते इसने पूरे यूरोप को अपनी चपेट में ले लिया।
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यूरोप से होते हुए इस फ्लू ने एशिया को भी अपनी चपेट में ले लिया।
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ये फ्लू कोरोना वायरस जैसा ही था। इसमें भी संक्रमित व्यक्ति के संपर्क में आने से स्वस्थ व्यक्ति बीमार हो जाता था।
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साथ ही वायरस से संक्रमित व्यक्ति अगर किसी चीज को छू देता तो उस चीज से भी ये वायरस स्वस्थ इंसान को इन्फेक्ट कर देता था।
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स्पेनिश फ्लू के समय भी लोगों को मास्क लगाने और हाथ धोते रहने को कहा गया था।
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संक्रमित व्यक्ति को स्वस्थ लोगों से दूर रखा जाता था। स्कूल-कॉलेज बंद कर दिए गए थे। साथ ही लोगों से घर से बाहर ना जाने की भी अपील की गई थी।
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कुल मिलाकर हालात बिल्कुल आज जैसे ही थे। उस समय दो देशों में काफी कम कनेक्टिविटी थी। फिर भी स्पेनिश फ्लू को दुनिया में फैलते देर नहीं लगी थी।
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कुछ ही महीनों में इस फ्लू ने आतंक मचा दिया। आंकड़ों के मुताबिक, इस फ्लू के कारण दुनिया के एक-तिहाई लोगों की मौत हो गई थी।
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सिर्फ अमेरिका में इस फ्लू से 6 लाख 75 हजार लोगों की मौत हो गई थी।
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इस वायरस ने सबसे अधिक तबाही स्पेन में मचाई थी। इस कारण इसका नामा स्पेनिश फ्लू रखा गया था।
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कोरोना वायरस की ही तरह आज तक पता नहीं चल पाया कि स्पेनिश फ्लू की शुरुआत कैसे हुई। साथ ही कोरोना की ही तरह इसका इलाज भी नहीं ढूंढा जा सका।
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दुनिया में 50 करोड़ से ज्यादा लोगों को मौत की नींद सुलाने के बाद गर्मियों में अपने आप इस वायरस एक प्रकोप कम हो गया।
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कहा जाता है कि इस फ्लू से संक्रमित व्यक्ति या तो मारे गए या उनकी बॉडी इम्म्यून हो गई।
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कोरोना वायरस ने कुछ ही महीनों में जैसे अपने कदम बढ़ाए हैं, उससे लोगों के जेहन में स्पेनिश फ्लू ताजा हो गया है। अब इस वायरस से लड़ने के लिए दुनिया तैयारी कर रही है। हालांकि, अभी तक इसका कोई उपाय नहीं नजर आ रहा है।