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480 बिल्लियों और 12 कुत्तों के साथ रहती है ये महिला, हर महीने देखभाल में खर्च कर देती है इतने लाख रुपए
मस्कट. कहते हैं कि जानवर इंसानों से ज्यादा वफादार होते हैं। इस कहावत को एक महिला ने इस प्रकार अपने जीवन में उतार लिया कि वह अब सिर्फ बिल्लियों और कुत्तों के साथ ही रहती है। महिला के पड़ोसियों को इससे काफी दिक्कत भी होती है। लेकिन इन सबके बावजूद महिला हर महीने जानवरों के देखभाल में लाखों रुपए खर्च कर देती है। इतना ही नहीं महिला के बिस्तर से लेकर किचन तक हर जगह कुत्ते और बिल्लियां ही नजर आती हैं।
| Published : Nov 25 2020, 12:59 PM IST
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दरअसल, ओमान की राजधानी मस्कट में रहने वालीं मरयम अल बलुशी अपने घर में 480 बिल्लियों और 12 कुत्तों के साथ रहती हैं।
पड़ोसियों की शिकायतों और बढ़ते खर्च के बावजूद मरयम 480 बिल्लियों और 12 कुत्तों को अपने घर पर रह रही हैं। मरयम कहती हैं कि उनके ये पालतू जानवर मनुष्यों की तुलना में बेहतर साथी होते हैं।
मरयम ने कहा, मुझे लगता है कि जानवर खासकर बिल्लियां और कुत्ते मनुष्यों की तुलना में अधिक वफादार हैं। बलुशी ने 10 सालों में जानवरों को इकट्ठा किया है। इनमें से कई सड़कों से रेस्क्यू किए गए हैं।
ओमान में एक पालतू जानवर को सड़क पर छोड़ने पर 25 डॉलर का जुर्माना लगता है। इसके बावजूद यहां पिछले कुछ सालों में जानवरों को छोड़ने का चलन बढ़ा है।
बलुशी हर महीने में करीब 7,800 डॉलर यानी 5,77,109 रुपए खर्च करती हैं। उनके पास जो जानवर हैं, उनमें से 17 अंधे हैं। ऐसे में इन सभी जानवरों को खाना खिलाने, मेडिकल और अन्य खर्च मिलाकर वे हर महीने इतने रुपए खर्च करती हैं।
मरयम का पूरा घर पिंजड़ों से भरा है। वे एक एक कर जानवरों को इससे बाहर निकालती हैं, उन्हें बाहर निकालकर उनके साथ खेलती हैं।
मरयम सिविल सर्वेंट रही हैं। अब वे रिटायर हो गई हैं। उन्होंने बताया कि जानवरों को अपने घर पर 2008 से रखना शुरू किया। तब उनका बेटा एक बिल्ली को घर लाया था।
कई माताओं की तरह, मैंने इसकी देखभाल करने से इनकार कर दिया क्योंकि मुझे जानवर पसंद नहीं थे। वहीं, उनके बेटे ने भी बहुत ध्यान नहीं दिया और उसकी देखभाल नहीं की।
लेकिन दो साल बाद बलूशी ने खुद एक बिल्ली को पाला और उनकी सोच बदल गई। उन्होंने कहा, "मैंने उसका पूरा ख्याल रखा, उसे खाना खिलाया, उसे नहलाया और उसके साथ बहुत समय बिताया।"
इसके बाद उन्होंने कई जानवरों को पाला। इनमें से कई सड़क से रेस्क्यू किए गए थे। 2014 में मरयम ने अपना घर लिया। इसके बाद वे अपने साथ और जानवरों को घर ला सकीं। वे बताती हैं कि उनके घर में रहने वाले कुत्ते और बिल्लियों से उनका तनाव भी खत्म हो जाता है।