सार
बदलते मौसम के साथ ही बच्चे बड़े सभी सर्दी, खांसी, जुकाम जैसे संक्रमण से ग्रसित हो रहे हैं। जिससे बचने के लिए कफ सिरप का प्रयोग किया जाता है, लेकिन अगर आपके कफ सिरप में यह इनग्रेडिएंट है तो इसका सेवन करना आप बंद कर दें।
हेल्थ डेस्क : सर्दियों के मौसम में खांसी, जुकाम, बुखार, गले में खराश जैसी कई समस्याएं आम हो जाती हैं। जिससे अधिकतर लोग परेशान रहते है और इससे बचने के लिए तरह-तरह की दवाई और कफ सिरप का प्रयोग करते हैं। लेकिन क्या आप जानते हैं कि कुछ कफ सिरप में ऐसा तत्व पाया जाता है, जो आपकी सेहत के लिए खतरनाक हो सकता है। खासकर छोटे बच्चों को अगर यह दिया जाए तो यह उनके लिए जानलेवा भी हो सकता है। हाल ही में गैम्बिया जैसे देश में इस केमिकल की वजह से कई बच्चों की मौत हो गई। डब्ल्यूएचओ भी इसे लेकर चेतावनी जारी कर चुका है। आइए हम आपको बताते हैं इस बारे में...
कफ सिरप में मिलाया जाता है जहरीला तत्व
दरअसल, कई कफ सिरप में कोडीन मॉर्फिन नाम का केमिकल पाया जाता है। यह केमिकल अफीम के परिवार से ताल्लुक रखता है और अगर इसका ज्यादा इस्तेमाल किया जाए तो आपको इसका एडिक्शन हो सकता और आपके शरीर पर इसके गंभीर प्रभाव पड़ सकते हैं। विशेषज्ञों की माने तो इसे स्लो पॉइजन भी कहा जाता है। ऐसे में आप कफ सिरप लेने से पहले इसके इनग्रेडिएंट्स देख लें कि क्या इसमें कोडीन मॉर्फिन मिलाया गया है या नहीं। इतना ही नहीं अगर बिना डॉक्टर के पर्चे के इसकी बिक्री हो रही है, तो ये गैरकानूनी भी है।
बच्चों के लिए खतरनाक है यह केमिकल
रिसर्च में इस बात का खुलासा हुआ है कि 6 साल से कम उम्र के बच्चों को अगर कोडीन मॉर्फिन वाले कफ सिरप दिए जाए तो यह इनके लिए हानिकारक हो सकते हैं, क्योंकि इसमें मौजूद एंटीहिस्टामाइन बच्चों के शारीरिक और मानसिक विकास पर प्रभाव डालता है और अगर बहुत ज्यादा इसका इस्तेमाल किया जाए तो बच्चों के लिए यह घातक भी हो सकता है।
कोडीन मॉर्फिन से होता है इन बीमारियों का खतरा
कोडीन मॉर्फिन का इस्तेमाल जिन कप सिरप में किया जाता है उसका लंबे समय इस्तेमाल करने से एंजाइटी, डिप्रेशन, नींद ना आना, भूख ना लगना, पेट दर्द और वेट लॉस जैसी समस्याएं हो सकती हैं और अगर इस कफ सिरप कि आपको लत लग जाए तो इससे छूट पाना बहुत ही मुश्किल होता है। ऐसे में अगर आप कोडीन मॉर्फिन वाले कफ सिरप का इस्तेमाल कर रहे हैं तो एक बार अपने डॉक्टर से जरूर परामर्श करें और डॉक्टर के कहने पर ही इसका नियमित मात्रा में सेवन करें।
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