सार

बासे फलों में कैमिकल की वजह से शिकन नहीं आती, आम लोगों को यही लगता है कि ये फल अभी-अभी बागानों से उन तक पहुंचे हैं। वहीं एक्सपर्ट की जांच में 13 फीसदी सेबों पर कैंडिडा ऑरिस (candida auris) फफूंद (fungus) पाया गया है।

हेल्थ डेस्क। हर दिन एक सेव खाने से कभी आपको डॉक्टर की जरुरत नहीं होती, ये जुमला दादा-नाना के जमाने का है, जब सेव सीधे बागों से टूटकर मंडियों में बिकने आ जाते थे। पर अब जमाना बदल गया है, जिसकी जितनी अच्छी पैकेजिंग होती है वही उसके लिए कीमत भी अधिक चुकानी होती है,वहीं आपको ओरिजनल सामान में भी कई तरह के कैमिकल की कैपिंग कर दी जाती है। 

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मौसमी फलों का सेवन सबसे बेहतर
मौजूदा समय में विदेशों से भी फल आते हैं, ऐसे में आपको बारह महीनों तकरीबन हर फल मिल जाता है। लेकिन इन फलों को प्रिजर्व रखने के लिए इस्तेमाल किए जाने वाले रसायन आपके शरीर को बेहद नुकसान पहुंचाते हैं। बता दें कि सेबों  को खराब होने से बचाने के लिए इसपर एक खास लैप लगाकर कोल्ड स्टोरेज में रखा जाता है। कैमिकल के असर की वजह से इस पर कीड़े नहीं लगते, वहीं ये लंबे समय तक ताजे दिखते हैं। इन फलों में कैमिकल की वजह से शिकन नहीं आती, आम लोगों को यही लगता है कि ये फल अभी-अभी बागानों से उन तक पहुंचे हैं। 

 दिल्ली यूनिवर्सिटी (Delhi University) के साथ कनाडा की मैकमास्टर यूनिवर्सिटी (McMaster University) के संयुक्त शोध में देश के विभिन्न स्थानों से सेब के सैंपल लिए गए, इन्हें स्टोर करके रखा गया था। विशेषज्ञों ने जब इन ऐप्पल की जांच तो इसने सबकों चौंका दिया । एक्सपर्ट की जांच में 13 फीसदी सेबों पर कैंडिडा ऑरिस (candida auris) फफूंद (fungus) पाया गया है।

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बग से बचना होता है मुश्किल
रिसर्च कर रहे वैज्ञानिकों ने जब इस संबंध में और खोज की तो उन्हें पता चला कि एप्पल को तरोताजा बनाए रखने के लिए कंपनियां फफूंदनाशक (fungicide) का इस्तेमाल करती हैं। इस दौरान इसमें फफूंद जिसका वैज्ञानिक नाम बग (Bug) है, इसपर अपना घेरा जमा लेती है। इसमें सबसे हैरान करने वाली बात तो ये है कि इस पर कोई दवा भी असर नहीं करती है। ये बग इतना खतरनाक होता है कि यदि किसी को रिएक्शन कर जाए तो ये जानलेवा हो सकता है। 
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कैंडिडा ऑरिस पर फफूंदनाशक लेयर नहीं करती असर
 रिसर्च में अलग-अलग सेब की जांच की गई थी, जो सेब सीधे बागान से लिए गए थे, वो एकदम ताजा थे उनमें से किसी में भी किसी तरह का  बग नहीं नहीं मिला था। अध्ययन में कहा गया है कि फलों की उम्र बढ़ाने के वास्ते उन पर फफूंदनाशक लेयर लगाई जाती है। इससे कई सारे फफूंद इस पर अपनी पकड़ नहीं बना पाते,वहीं कैंडिडा ऑरिस पर कैमिकल असर नहीं करता है। दोनों यूनिवर्सिटी की इस रिसर्च का रिजल्ट ‘जर्नल एमबायो (mBio) में रिलीज किया गया है। 
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सेब खाने से पहले ये काम जरुर करें
 सेब को चमकदार बनाने के लिए उस पर सिंथेटिक मोम (edible synthetic wax) की लेयर चढ़ाई जाती है। फल कोई हो उसे कई पानी में धोकर ही इस्तेमाल करना चाहिए। यदि आप बेमौसम में एप्पल खरीद रहे हैं तो समझ लीजिए  कि ये कोल्ड स्टोरेज वालाा सेब है। इसे हॉट वॉटर में धोकर ही उपयोग करें। 
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