असहयोग आंदोलन के दौरान गोरखपुर के चौरी-चौरा में सत्याग्रहियों ने मार्च निकाला था। पुलिस ने सत्याग्रहियों पर लाठीचार्ज कर दिया था। इसके बाद पुलिस द्वारा गोलीबारी की गई। घटना के विरोध में उग्र भीड़ ने पुलिस चौकी को जला दिया था।
महात्मा गांधी ने भारत में अपने आंदोलन की शुरुआत बिहार के चंपारण से की थी। वह नील की खेती करने वाले किसानों की समस्या दूर करने चंपारण पहुंचे थे। अंग्रेज किसानों को अपनी जमीन के 3/20 भाग पर अनिवार्य रूप से नील की खेती करने के लिए कहते थे।
महात्मा गांधी को अंग्रेज ने दक्षिण अफ्रीका में ट्रेन के फर्स्ट क्लास डिब्बे में सफर करने के चलते बाहर फिंकवा दिया था। इसके बाद उन्होंने अंग्रेजी शासन के खिलाफ आंदोलन की शुरुआत की थी। उन्होंने अहिंसा के रास्ते पर चलकर भारत को आजादी दिलाई।
29 मार्च 1857 को मंगल पांडे ने अंग्रेजी सेना के खिलाफ विद्रोह शुरू किया था। मंगल पांडे से अंग्रेज इतने खौफजदा थे कि उन्हें तय तारीख से 10 दिन पहले ही फांसी दे दी गई थी।
राष्ट्रपिता महात्मा गांधी भारत एवं भारतीय स्वतन्त्रता आन्दोलन के एक प्रमुख राजनैतिक नेता थे। उन्होंने आजादी की लड़ाई के लिए कई आंदोलन किए थे। इन आंदोलनों ने देश को आजादी का रास्ता दिखलाया था।
सुभाष चंद्र बोस ने आजादी की लड़ाई में अहम रोल निभाया था। उन्होंने 'तुम मुझे खून दो, मैं तुम्हें आजादी दूंगा'का नारा दिया था। वह हिटलर से मिलने जर्मनी गए थे। हिटलर भी उनकी बुद्धिमत्ता का कायल हो गया था।
आजादी की लड़ाई में काकोरी कांड अहम मोड़ था। ब्रिटिश हुकूमत के खिलाफ लड़ने के लिए क्रांतिकारियों को हथियार खरीदने थे, लेकिन इसके लिए पैसे नहीं थे। इसके चलते क्रांतिकारियों ने सरकारी खजाना लूटने का फैसला किया था।
महात्मा गांधी ने 1930 में नमक सत्याग्रह शुरू किया था। इस आंदोलन के दौरान 8,000 भारतीयों को गिरफ्तार किया गया था। इसके जरिए महात्मा गांधी (Mahatma Gandhi) ने अंग्रेजी हुकूमत की नींव हिला दी थी।
फैशन डिजाइनर मनीष अरोड़ा के काम को भारत ही नहीं विदेशों में भी पसंद किया जाता है। उनके ड्रेस ट्रेडिशनल इंडियन क्राफ्ट्स, कलर्स और मोटिफ्स के कॉम्बिनेशन से बने होते हैं।
बिपिन चंद्र पाल (Bipin Chandra Pal) ने आजादी की लड़ाई में अहम भूमिका निभाई थी। वह लाल-बाल-पाल की तिकड़ी में से एक थे। उन्होंने जातिवाद और अन्य सामाजिक बुराइयों का खुलकर विरोध किया था।