आजादी की लड़ाई में काकोरी कांड अहम मोड़ था। ब्रिटिश हुकूमत के खिलाफ लड़ने के लिए क्रांतिकारियों को हथियार खरीदने थे, लेकिन इसके लिए पैसे नहीं थे। इसके चलते क्रांतिकारियों ने सरकारी खजाना लूटने का फैसला किया था।
महात्मा गांधी ने 1930 में नमक सत्याग्रह शुरू किया था। इस आंदोलन के दौरान 8,000 भारतीयों को गिरफ्तार किया गया था। इसके जरिए महात्मा गांधी (Mahatma Gandhi) ने अंग्रेजी हुकूमत की नींव हिला दी थी।
फैशन डिजाइनर मनीष अरोड़ा के काम को भारत ही नहीं विदेशों में भी पसंद किया जाता है। उनके ड्रेस ट्रेडिशनल इंडियन क्राफ्ट्स, कलर्स और मोटिफ्स के कॉम्बिनेशन से बने होते हैं।
बिपिन चंद्र पाल (Bipin Chandra Pal) ने आजादी की लड़ाई में अहम भूमिका निभाई थी। वह लाल-बाल-पाल की तिकड़ी में से एक थे। उन्होंने जातिवाद और अन्य सामाजिक बुराइयों का खुलकर विरोध किया था।
चंद्रशेखर आजाद (Chandra Shekhar Azad) आजादी की लड़ाई में पहली बार असहयोग आंदोलन से जुड़े थे। बाद में वह हिन्दुस्तान रिपब्लिकन एसोसिएशन में शामिल हो गए। उन्होंने काकोरी कांड में सक्रिय रूप से भाग लिया था।
8 अगस्त 1942 को महात्मा गांधी ने भारत छोड़ो आंदोलन (Bharat chhodo andolan) की शुरुआत की थी। इस आंदोलन में 940 लोग मारे गए थे और 1630 घायल हुए थे। 60229 लोगों ने गिरफ्तारी दी थी।
फैशन डिजाइनर अनीता डोंगरे (Anita Dongre) आज 800 करोड़ रुपए से अधिक संपत्ति वाली कंपनी की मालकिन हैं। उन्होंने दो सिलाई मशीन के साथ काम शुरू किया था।
बिभु महापात्रा (Bibhu Mohapatra) इंडिया के टॉप फैशन डिजाइनरों में से एक हैं। उनके द्वारा डिजाइन किए गए कपड़े विदेशों में खूब पसंद किए जाते हैं। करीना कपूर से लेकर मिशेल ओबामा तक उनके द्वारा डिजाइन किए गए ड्रेस पहन चुकी हैं।
मनीष मल्होत्रा (Manish Malhotra) की गिनती आज देश के प्रमुख फैशन डिजाइनरों में होती है। उन्होंने यहां तक पहुंचने के लिए काफी संघर्ष किया है। कभी उनके पास विदेश जाने के लिए पैसे नहीं थे। उन्हें 500 रुपए पहली सैलरी मिली थी।
फैशन डिजाइनर सब्यसाची मुखर्जी (Sabyasachi Mukherjee) ने देश ही नहीं विदेशों में भी अपने हुनर का डंका बजाया है। इनके द्वारा डिजाइन किए गए लहंगे पहनने का सपना लड़कियां देखती हैं।