भारतीय स्वतंत्रता आंदोलन में न सिर्फ क्रांतिकारियों, महिलाओं और आम जनता ने भाग लिया बल्कि बड़े पैमाने पर साधु-संतों ने अंग्रेजों के खिलाफ विद्रोह किया था। उन्हीं में से एक सन्यासियों और फकीरों का विद्रोह जो भारत में हिंदू-मुस्लिम एकता का भी उदाहरण हैं।