सार

कहते हैं कि हौसलों भरी जिंदगी किसी चीज की मोहताज नहीं होती। यह महिला जब मायके आई थी, तभी लॉकडाउन हो गया। इस बीच उसे खबर मिली कि पति बीमार है। बस फिर क्या था...उसने साइकिल उठाई और ससुराल की ओर निकल पड़ी।

सिंहभूम, झारखंड. कहते हैं कि हौसलों भरी जिंदगी किसी चीज की मोहताज नहीं होती। यह महिला जब मायके आई थी, तभी लॉकडाउन हो गया। इस बीच उसे खबर मिली कि पति बीमार है। बस फिर क्या था...उसने साइकिल उठाई और ससुराल की ओर निकल पड़ी। इस महिला का साहस देखकर सब हैरान रह गए। लेकिन उसके चेहरे पर तनिक भी थकान नहीं दिखी।

स्वाभिमानी महिला..
यह हैं सुकुरमनी देवी। ये लॉक डाउन से पहले अपनी बच्ची को लेकर सोनुवा थाना क्षेत्र के महुलडीहा गांव में अपने मायके आई थीं। इसी बीच लॉक डाउन के चलते सारे साधन बंद हो गए। सुकुरमनी ने सोचा, चलो कुछ दिन और मायके रुक लेते हैं। तभी खबर मिली कि उनके पति की तबीयत खराब है। सुकुरमनी की ससुराल चाईबासा मुफ्फसिल थाना के पासाहातु गांव में है। दोनों गांवों की दूरी करीब 50 किमी है। गुरुवार को जैसे ही पति की बीमारी की खबर पता चली। सुकुरमनी शुक्रवार सुबह करीब 6 बजे साइकिल उठाकर ससुराल के लिए निकल पड़ीं। उन्होंने बच्ची को साड़ी से कमर पर बांध लिया। करीब 11.30 बजे वे अपनी ससुराल पहुंच गईं। पति से मिलकर सुकुरमनी को राहत मिली। पति की हालत ठीक है।