सार

अनेक धर्म ग्रंथों में देवनदी गंगा के महत्व के बारे में बताया गया है। गंगा स्नान करने से ही मोक्ष प्राप्त हो जाता है, ऐसा पुराणों में लिखा है। हर साल ज्येष्ठ मास के शुक्ल पक्ष की दशमी तिथि को गंगा दशहरे (Ganga Dussehra 2022) का पर्व मनाया जाता है।

उज्जैन. मान्यता है कि ज्येष्ठ मास के शुक्ल पक्ष की दशमी तिथि पर देवनदी गंगा धरती पर आई थी। इस दिन देवी गंगा की पूजा विशेष रूप से की जाती है और गंगा स्नान कर दान दिया जाता है। ऐसा करने से घर में सुख-समृद्धि बनी रहती है। इस बार गंगा दशहरा (9 जून, गुरुवार) पर 1-2 नहीं बल्कि पूरे 7 शुभ योग बन रहे हैं, जिसके चलते इसका महत्व और भी बढ़ गया है। इस दिन देवी गंगा के साथ ही भगवान विष्णु, शिव, ब्रह्मा, सूर्य, राजा भगीरथ और हिमालय की भी पूजा करनी चाहिए। आगे जानिए गंगा दशहरा की पूजा विधि, शुभ मुहूर्त और इस दिन बनने वाले योगों के बारे में… 

गंगा दशहरा के शुभ मुहूर्त (Ganga Dussehra 2022 Ke shubh Muhurat)
9 जून, गुरुवार की सुबह 08.21 से दशमी तिथि आरंभ होगी, जो 10 जून, शुक्रवार की सुबह 07.25 तक रहेगी। वैसे तो 9 जून को पूरे दिन कभी भी पूजा की जा सकती है, लेकिन विशेष शुभ मुहूर्त सुबह 08.23 से दोपहर 02.05 तक रहेगा। 

इस विधि से करें देवनदी गंगा की पूजा (Ganga Dussehra 2022 Ki Puja Vidhi)
वैसे तो देवी गंगा की पूजा नदी के तट पर ही करनी चाहिए, लेकिन ऐसा संभव हो तो आगे बताई गई विधि से घर पर भी गंगा पूजन कर सकते हैं। गंगा दशहर पर गंगाजल को शंख में भरकर उसकी विधि-विधान से पंचोपचार (कुंकुम, चावल, अबीर, गुलाल, रोली) पूजा करें। फूल, फल आदि चीजें चढ़ाएं और आरती करें। इस दिन शिवलिंग और भगवान विष्णु का अभिषेक गंगा जल से करने पर हर मनोकामना पूरी हो सकती है।

ये योग बन रहे हैं गंगा दशहरा पर (Ganga Dussehra 2022 Ke shubh Yog)
पुरी के ज्योतिषाचार्य डॉ. गणेश मिश्र के अनुसार, 10 शुभ योगों में देवनदी गंगा धरती पर आई थी। इसीलिए इस पर्व को दशहरा कहा जाता है। इस बार इन 10 शुभ योगों में से  योग बन रहे हैं जो इस प्रकार हैं- ज्येष्ठ मास, शुक्ल पक्ष, दशमी तिथि, हस्त नक्षत्र, व्यतिपात योग, कन्या राशि का चंद्रमा और वृषभ राशि का सूर्य। इन 7 योगों के होने से भी गंगा दशहरे के पर्व और भी विशेष हो गया है। इस दिन 10 अंक का विशेष महत्व माना जाता है जैसे गंगा दशहरा पर आप जो भी दान करें उसकी संख्या 10 होना चाहिए। इतना ही नहीं पूजा के लिए उपयोग में आने वाली चीजों की संख्या भी 10 हो तो विशेष शुभ माना जाता है।

ग्रह-नक्षत्रों की युति से बनेंगे ये शुभ योग 
ज्योतिषियों के अनुसार, इस समय सूर्य, बुध और शुक्र तीनों ग्रह वृषभ राशि में एक साथ हैं। बुध और शुक्र की युति होने से महालक्ष्मी योग इस समय बन रहा है। वहीं सूर्य और बुध के साथ होने से बुधादित्य नाम का शुभ योग भी गंगा दशहरा पर रहेगा। साथ ही इस दिन गुरु-चंद्रमा और मंगल का दृष्टि संबंध होने से गजकेसरी नाम का शुभ योग भी बन रहा है। साथ ही सूर्य-चंद्रमा के नक्षत्रों से रवियोग भी पूरे दिन रहेगा। जिससे इस दिन किए गए स्नान-दान और पूजा का दस गुना शुभ फल मिलेगा।


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