सार
इस बार माघ मास की गुप्त नवरात्रि (Gupt Navratri 2022) 2 से 10 फरवरी तक मनाई जाएगी। इस दौरान ग्रहों के कई शुभ योग बन रहे हैं, जिसके चलते इस पर्व की शुभता और भी बढ़ गई है। गुप्त नवरात्रि के दौरान बुध ग्रह राशि भी बदलेगा और भी कई ग्रहों की स्थितियों में बदलाव होगा।
उज्जैन. इस गुप्त नवरात्रि (Gupt Navratri 2022) में द्वितिया तिथि का क्षय रहेगा, लेकिन अष्टमी तिथि की वृद्धि होने से माता की आराधना का ये पर्व पूरे 9 दिन तक मनाया जाएगा। प्रतिपदा व द्वितीया दोनों एक ही दिन होने से मां शैलपुत्री व ब्रह्मचारिणी देवी के साथ ही दस महाविद्या की साधना के साथ माघी नवरात्रि का आरंभ होगा। 2 फरवरी, बुधवार को नवरात्रि की घटस्थापना शुभ मुहूर्त में होगी। आगे जानिए इस पर्व से जुड़ी खास बातें…
कैसे करें गुप्त नवरात्रि पूजन?
गुप्त नवरात्रि में प्रकट नवरात्रि की तरह गेहूं के जवारे नहीं बोए जाते हैं और न ही घट स्थापना होती है। हालांकि कुछ लोग प्रकट नवरात्रि की तरह ही सारे पूजन कर्म गुप्त नवरात्रि में भी करते हैं। गृहस्थों के लिए गुप्त नवरात्रि में व्रत, पूजन, जाप, देवी पाठ का महत्व है। इस नवरात्रि के पूरे नौ दिन शुद्ध आचरण, शुद्ध आहार-विहार रखना आवश्यक होता है।
बुधादित्य योग में होगा नवरात्रि का आरंभ
इस समय मकर राशि में सूर्य और बुध ग्रह एक साथ हैं। इन दोनों ग्रहों के साथ होने से बुधादित्य नाम का शुभ योग गुप्त नवरात्रि का आरंभ में बन रहा है। 4 फरवरी को बुध के राशि बदलते ही ये शुभ योग समाप्त हो जाएगा। 2 फरवरी की सुबह चंद्रमा राशि बदलकर कुंभ राशि में प्रवेश करेगा। कुंभ राशि के चंद्रमा व शनि प्रधान मकर राशि में सूर्य शनि की युति से न्याय के देवता शनि की भी कृपा प्राप्त होगी।
ये हैं नवरात्रि में बनने वाले खास संयोग
2 फरवरी- प्रतिपदा- गुप्त नवरात्रि प्रारंभ, मां शैलपुत्री पूजन
3 फरवरी- द्वितीया का क्षय, गौरी तृतीया, मां ब्रह्मचारिणी- मां चंद्रघंटा पूजन
4 फरवरी- मां कुष्मांडा पूजन, रवियोग दोपहर 3.58 तक
5 फरवरी- वसंत पंचमी, सरस्वती पूजन, मां स्कंदमाता पूजन, रवियोग सायं 4.36 तक
6 फरवरी- षष्ठी तिथि, मां कात्यायनी पूजन, सर्वार्थसिद्धि योग सायं 5.10 से दूसरे दिन सुबह 6.07 तक
7 फरवरी- मां कालरात्रि पूजन, रवियोग शाम 6.58 तक
8 फरवरी- मां महागौरी पूजन, दुर्गा अष्टमी
9 फरवरी- बुधाष्टमी, सर्वार्थसिद्धि योग दिन-रात
10 फरवरी- नवमी, मां सिद्धिदात्री पूजन, गुप्त नवरात्रि पूर्ण
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