सार
वैदिक ज्योतिष के अनुसार किसी भी व्यक्ति की जन्म कुंडली बनाते समय होरा का विशेष ध्यान रखा जाता है। होरा कुंडली का अध्ययन किए बिना व्यक्ति के संपूर्ण जीवन का फलादेश अधूरा रहता है।
उज्जैन. होरा कुंडली से जीवन में मिलने धन, सुख, वैभव, संपत्ति, भौतिक सुख-सुविधाओं आदि का अध्ययन किया जाता है। लग्न, चंद्र या अन्य कुंडलियों में 12 घर होते हैं लेकिन होरा कुंडली में मात्र दो ही घर होते हैं और इनमें सूर्य और चंद्र की होरा होती है। जानिए होरा लग्न से जुड़ी खास बातें…
1. होरा कुंडली में यदि कर्क राशि में सभी शुभ ग्रह स्थित हों तो व्यक्ति धनवान, सुखी और अनेक प्रकार से संपत्ति बनाने वाला होता है।
2. यदि कर्क राशि की होरा में सभी अशुभ, पाप या क्रूर ग्रह आ जाएं तो व्यक्ति अपनी ही अर्जित संपत्ति का नुकसान कर बैठता है। अपनी गलत आदतों के कारण पैतृक संपत्ति भी गंवा देता है। मानसिक तनाव बहुत होता है।
3. यदि सूर्य की होरा में सभी अशुभ ग्रह आ जाएं तो व्यक्ति साहसी, धनवान, संपत्तिवान और पराक्रमी होता है।
4. यदि सूर्य की होरा में सभी शुभ ग्रह आ जाएं तो धन प्राप्त करने में अत्यंत परिश्रम करना पड़ता है। पारिवारिक सुख भी कम मिलता है। आर्थिक जीवन सामान्य होता है।
5. यदि सूर्य और चंद्र की होरा में शुभ और अशुभ ग्रह दोनों बराबरी से हों तो व्यक्ति को मिश्रित परिणाम मिलता है।
6. सूर्य की होरा में शुभ और अशुभ दोनों प्रकार के ग्रह होने पर व्यक्ति का शुरुआती जीवन संघर्षमय होता है बाद में खूब धन अर्जित करता है।
7. सूर्य की होरा में पाप ग्रहों का होना शुभ फल देता है, क्योंकि सूर्य स्वयं एक क्रूर ग्रह है तो क्रूर ग्रह की होरा में क्रूर ग्रह शुभ फल देते हैं।
8. चंद्र एक सौम्य ग्रह है इसलिए सौम्य ग्रह की होरा में सौम्य ग्रह शुभ फल देते हैं।
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