सार
देवउठनी एकादशी (25 नवंबर) से विवाह आदि मांगलिक कार्य शुरू हो चुके हैं। कोरोना के कारण मार्च से जून तक जो विवाह टल गए थे, वे इस समय हो रहे हैं। ज्योतिषाचार्य पं. गणेश मिश्र के अनुसार, नवंबर के बाद दिसंबर में विवाह के लिए 5 मुहूर्त रहेंगे। 11 दिसंबर इस साल का आखिरी मुहूर्त होगा।
उज्जैन. देवउठनी एकादशी (25 नवंबर) से विवाह आदि मांगलिक कार्य शुरू हो चुके हैं। कोरोना के कारण मार्च से जून तक जो विवाह टल गए थे, वे इस समय हो रहे हैं। ज्योतिषाचार्य पं. गणेश मिश्र के अनुसार, नवंबर के बाद दिसंबर में विवाह के लिए 5 मुहूर्त रहेंगे। 11 दिसंबर इस साल का आखिरी मुहूर्त होगा। वहीं, अगले साल भी विवाह की धूम आधा अप्रैल गुजरने के बाद ही होगी, क्योंकि जनवरी से मार्च 2021 तक विवाह का सिर्फ एक ही मुहूर्त है, वो 18 जनवरी को है। उसके बाद सीधे 22 अप्रैल से शुभ दिन शुरू होंगे।
2021 में सिर्फ 51 मुहूर्त
2021 में विवाह के लिए सिर्फ 51 दिन रहेंगे। 18 जनवरी को पहला मुहूर्त रहेगा। इसके बाद बृहस्पति और शुक्र ग्रह के कारण साल के शुरुआती महीनों में विवाह नहीं हो पाएंगे। मकर संक्रांति के बाद 19 जनवरी से 16 फरवरी तक गुरु तारा अस्त रहेगा। फिर 16 फरवरी से ही शुक्र तारा 17 अप्रैल तक अस्त रहेगा। इस कारण विवाह का दूसरा मुहूर्त 22 अप्रैल को है। इसके बाद देवशयन से पहले यानी 15 जुलाई तक 37 दिन विवाह के मुहूर्त है। वहीं, 15 नवंबर को देवउठनी एकादशी से 13 दिसंबर तक विवाह के लिए 13 दिन रहेंगे।
वसंत पंचमी पर भी नहीं हो पाएंगे विवाह
16 फरवरी को वसंत पंचमी है। इसे भी विवाह के लिए अबूझ मुहूर्त माना जाता है लेकिन इस दिन सूर्योदय के साथ ही शुक्र तारा अस्त हो जाएगा। इस कारण पंचांगों में इसे विवाह मुहूर्त में नहीं गिना गया है। हालांकि, लोक परंपरा के चलते उत्तराखंड सहित देश के कई हिस्सों में वसंत पंचमी पर विवाह होते हैं।
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