सार
हस्तरेखा विज्ञान में रेखाओं, पर्वतों, अंगुलियों की तरह ही अंगूठा भी महत्वपूर्ण होता है। अंगूठा इच्छा शक्ति का केंद्र होता है जिसमें तीन पोर होते हैं। दो भाग तो हथेली के बाहर की ओर निकले दिखाई देते हैं लेकिन तीसरे पोर से हथेली का निर्माण होता है जो शुक्र पर्वत से जुड़ा होता है।
उज्जैन. अंगूठे को देखकर व्यक्ति का स्वभाव, उसकी प्रकृति तथा उसके विचारों के बारे में जानकारी हासिल की जा सकती है।
प्रथम पोर
- यह अंगूठे का सबसे ऊपरी भाग नाखून वाला हिस्सा होता है। जिस व्यक्ति के अंगूठे का प्रथम पोर दूसरे पोर से लंबा हो उस व्यक्ति में प्रबल इच्छा शक्ति होती है और अपने निर्णय लेने में वह स्वयं सक्षम होता है।
- ऐसा व्यक्ति किसी के अधीन रहकर काम करना पसंद नहीं करता। धार्मिक विचारों में उसकी गहरी आस्था होती है। ऐसे व्यक्तियों का व्यक्तित्व इतना आकर्षक होता है कि हर कोई देखते ही इनसे प्रभावित हो जाता है।
- यौवनावस्था की अपेक्षा वृद्धावस्था में अधिक संवेदनशील तथा सुखी होते हैं। यदि प्रथम तथा द्वितीय पोर बराबर और लंबे हो तो ऐसा व्यक्ति समाज में सम्माननीय होता है। ये व्यक्ति किसी को धोखा भी नहीं देते।
द्वितीय पोर
- अंगूठे का दूसरा पोर तर्क शक्ति का स्थान होता है। यदि दूसरा पोर प्रथम पोर से बड़ा हो तो उसकी तर्क करने की शक्ति प्रबल होती है और वह अपने सामने किसी को टिकने नहीं देता।
- ऐसे लोगों की बुरी बात यह होती है कि वे अपनी सही हो या गलत सभी बातों को सच साबित करने के लिए इतना अधिक तर्क करते हैं कि लोग उनसे नाराज होने लगते हैं।
- बेवजह के तर्क करना भी इनकी आदत में शुमार होता है। सभ्य समाज में ऐसे व्यक्तियों को ज्यादा आदर नहीं मिलता और इन्हें वाचाल कहा जाता है।
तृतीय पोर
- अंगूठे का तीसरा भाग शुक्र पर्वत कहलाता है। प्रथम दो पोर की अपेक्षा यह अधिक विस्तार लिए हुए चौड़ा, उन्नत और सुदृढ़ होता है। यदि यह भाग सामान्य रूप से अधिक ऊंचा उठा हुआ, गुलाबी रंग का हो तो ऐसा व्यक्ति प्रेम के मामले में काफी आगे जाता है।
- ऐसे व्यक्ति के अनेक मित्र होते हैं और समाज में इन्हें विशेष स्थान प्राप्त होता है। कठिनाइयां आने पर भी ऐसे व्यक्ति घबराते नहीं हैं और उनका दृढ़ता से सामना करते हैं। यदि शुक्र पर्वत अत्यधिक उठा हुआ हो तो ऐसा व्यक्ति कामी और भोगी होता है।
- सौंदर्य के पीछे पागलों की तरह भटकता रहता है। ऐसे में अक्सर अपमानजनक स्थितियों का सामना करता है। प्रेम और सौंदर्य पाने के लिए कुछ भी करने के लिए उतावला रहता है।
ज्योतिष में स्वाभाव के बारे में ये भी बताया गया है, पढ़ें
सामुद्रिक शास्त्र: पुरुषों के होंठ देखकर भी जान सकते हैं उनके स्वभाव से जुड़ी ये खास बातें
लाल किताब से जानिए 16 से 24 वर्ष तक की आयु में कौन-सा ग्रह हमें प्रभावित करता है?
राहु है शूल योग का स्वामी, गरीब और दिल से कठोर होता है इस योग में जन्मा व्यक्ति
मूल नक्षत्र में जन्में लोगों पर रहता है राहु और गुरु का प्रभाव, जानिए इनके नेचर से जुड़ी खास बातें
लिखने और पढ़ने के शौकीन होते हैं मीन राशि के लोग, बेकार का दिखावा पसंद नहीं करते
बुद्धिमान और व्यवहारकुशल होते हैं कुंभ राशि के लोग, गंभीरता से करते हैं हर काम
आसानी से मित्र नहीं बनाते मकर राशि के लोग, यात्रा करना होता है पसंद
खुले विचारों वाले होते हैं धनु राशि के लोग, ये अपने पैतृक व्यवसाय को आगे बढ़ाते हैं
जिद्दी लेकिन आत्मविश्वास से भरे होते हैं वृश्चिक राशि के लोग, इन्हें धोखा देना आसान नहीं होता
आकर्षक व्यक्तित्व के होते हैं तुला राशि के लोग, मुश्किल हालातों में भी नहीं मानते हार