सार

Surya Grahan 2022: साल का अंतिम सूर्य ग्रहण जल्दी ही होने वाला है। ये ग्रहण भारत में भी दिखाई देगा, इसलिए यहां इसकी धार्मिक मान्यता जैसे सूतक आदि मान्य रहेंगे। ये आंशिक सूर्य ग्रहण होगा। देश के उत्तरी और पश्चिमी देशों में ये बेहतर ढंग से दिखेगा।
 

उज्जैन. साल 2022 का अंतिम सूर्य ग्रहण (Surya Grahan 2022) 25 अक्टूबर, मंगलवार को होगा यानी दीपावली के ठीक अगले दिन। ऐसा दुर्लभ संयोग कई दशकों में एक बार बनता है। ये आंशिक सूर्य ग्रहण होगा, जो भारत में दिखाई देगा। धार्मिक और ज्योतिष नजरिए से ये ग्रहण बहुत ही खास रहेगा। ग्रहण के दौरान सूर्य का आधा हिस्सा ढंक जाएगा। ग्रहण के कारण 25 अक्टूबर को दिन भर सूतक रहेगा। आगे जानिए ग्रहण कहां-कहां दिखाई देगा, कब से कब तक दिखाई देगा व अन्य खास बातें… 

कब से कब तक होगा ग्रहण? (solar eclipse 2022 timing in india)
उज्जैन के ज्योतिषाचार्य पं. मनीष शर्मा के अनुसार, आंशिक सूर्य ग्रहण 25 अक्टूबर, मंगलवार को आइसलैंड में दोपहर 02.29 से शुरू होगा और शाम 06.32 पर अरब सागर पर खत्म हो जाएगा। भारत में इसकी शुरूआत शाम लगभग 4.22 से होगी और सूर्यास्त के साथ ही ये समाप्त हो जाएगा। भारत में ग्रहण का मध्य काल 5.28 पर होगा। हालांकि ग्रहण का सूतक सुबह से ग्रहण अंत तक माना जाएगा।

कहां-कहां देगा दिखाई? (Where will the solar eclipse be visible in India)
विदेश में ग्रहण यूरोप, उत्तरी अफ्रीका, मध्य पूर्व और पश्चिम एशिया के कुछ हिस्सों में दिखाई देगा। भारत में ये ग्रहण उत्तराखंड, पंजाब, दिल्ली, लेह, लद्दाख, जम्मू, श्रीनगर, गुजरात, राजस्थान और पश्चिमी मध्य प्रदेश में ये ग्रहण दिखेगा। ओडिशा, छत्तीसगढ़, झारखंड, तमिलनाडु, कर्नाटक, मुंबई, आंध्रप्रदेश, तेलंगाना, बंगाल और बिहार में कुछ ही देर के लिए ये ग्रहण दिखाई देगा। 

दीपावली के दूसरे दिन नहीं होगी गोवर्धन पूजा
उज्जैन के ज्योतिषाचार्य पं. प्रवीण द्विवेदी के अनुसार, 25 अक्टूबर, मंगलवार को कार्तिक अमावस्या तिथि शाम 04.18 तक रहेगी। इसके बाद कार्तिक मास के शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा तिथि शुरू होगी, जो अगले दिन 26 अक्टूबर को दोपहर 02:42 तक रहेगी। इस वजह से गोवर्धन पूजा का पर्व दीपावली के दूसरे दिन नहीं बल्कि 1 दिन छोड़कर मनाया जाएगा।

दिनभर रहेगा सूतक, ध्यान रखें ये बातें
भारत में सूर्य ग्रहण दिखाई देने से इसका सूतक काल भी माना जाएगा। सूर्य ग्रहण का सूतक काल 12 घंटे पहले से शुरू हो जाता है। यानी 25 अक्टूबर की सुबह से ग्रहण का सूतक काल माना जाएगा जो ग्रहण समाप्त होने तक रहेगा। सूतक काल और ग्रहण के दौरान मंदिर और घरों के पूजा स्थल बंद रखें। मूर्तियों को न छूएं। खान-पान से परहेज रखें। ग्रहण समाप्त होने पर दान करें और पूरे घर को गंगाजल छिड़ककर शुद्ध करें। 


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