Traditional Bhakka Dish: इडली तो आप सभी ने खूब खाया होगा, लेकिन क्या आपने कभी भक्का ट्राई किया है। भक्का एक बिहारी व्यंजन है, जिसे सर्दियों में बहुत चाव से खाया जाता है। आज हम आपको इसकी आसान रेसिपी और खासियत बताएंगे।
Bihari Bhakka: इडली सिर्फ साउथ इंडिया की खासियत नहीं है, बिहार में भी एक डिश बनती है, जो बिल्कुल इडली की तरह दिखती है। यह बिहार की पारंपरिक डिश है जिसे वहां के लोग बड़े चाव से नाश्ते या हल्के भोजन के तौर पर खाते हैं। भक्का को बिहार की “इडली” कहा जाता है, लेकिन इसका स्वाद और टेक्सचर दोनों ही इडली से बहुत अलग है। यह डिश न केवल स्वादिष्ट होती है बल्कि सेहत के लिहाज से भी बेहद हल्की और पौष्टिक है। आज हम आपको बिहारी भक्का के बारे में विस्तार से बताएंगे।
भक्का की खासियत
भक्का की सबसे बड़ी खासियत यह है कि इसे बिना किसी तेल या मसाले के तैयार किया जाता है। इसे भाप में पकाया जाता है, जिससे यह एकदम हल्की, स्पंजी, सॉफ्ट और हेल्दी बनती है। पारंपरिक रूप से भक्का बनाने के लिए चावल का आटा और थोड़ा सा नमक लिया जाता है। इसमें न तो कोई सोडा डाला जाता है, और न ही किसी तरह का खमीर। यह 100% नेचुरल तरीके से तैयार की जाती है। बिहार के गांवों में इसे स्टीमर की बजाय मिट्टी के बर्तन में पकाया जाता है, जिससे इसका स्वाद और भी बढ़ जाता है।
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भक्का बनाने की विधि
भक्का बनाने के लिए सबसे पहले चावल के आटे में गुनगुना पानी मिलाकर एक सॉफ्ट और थोड़ा ढीला आटा तैयार किया जाता है। इसे कुछ देर ढककर रखा जाता है ताकि आटा थोड़ा फूल जाए। फिर इसे छोटे गोले बनाकर हल्का सा दबाकर गुड़ डालकर कवर किया जाता है और स्टीमर या ढक्कन वाले बर्तन में भाप में पकाया जाता है। करीब 10-15 मिनट में यह फूलकर मुलायम और स्पंजी बन जाता है। जब इसे आप हाथ से छूते हैं, तो इसकी नर्मी आपको साउथ इंडियन इडली की याद दिला देगी, लेकिन स्वाद पूरी तरह देसी बिहार का होता है।
भक्का खाने का पारंपरिक तरीका
भक्का को अक्सर गुड़ और देसी घी के साथ परोसा जाता है। कुछ जगहों पर लोग इसे चने की दाल, मटर की घुघनी या मसालेदार आलू टमाटर की सब्जी के साथ भी खाते हैं। सर्दियों में गर्म भक्का, पिघला हुआ घी और मीठा गुड़, बिहारियों के लिए छप्पन भोग से कम नहीं।
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भक्का बनाने के टिप्स

भक्का बनाते समय पानी की मात्रा का खास ध्यान रखें। अगर पानी ज्यादा डाल देंगे तो आटा चिपचिपा हो जाएगा और भक्का स्टीमर में चिपक सकता है। वहीं अगर आटा बहुत सख्त रहेगा तो यह ठीक से फूल नहीं पाएगा। भाप के लिए पानी को पहले से उबाल लें और ढक्कन को अच्छी तरह बंद करें ताकि भाप बाहर न निकले। इसे धीमी आंच पर पकाएं जिससे यह अंदर से नरम बने।
भक्का खाने के फायदे
भक्का ग्लूटन-फ्री होता है क्योंकि यह सिर्फ चावल के आटे से बनता है। इसमें न तो तेल यूज होता है और न ही कोई मसाला, इसलिए यह पेट के लिए बहुत हल्का और डाइजेस्टिव होता है। डाइट पर रहने वाले लोग भी इसे बिना गिल्ट खा सकते हैं। बच्चों से लेकर बुजुर्गों तक, सभी के लिए यह एक परफेक्ट हेल्दी स्नैक है।
