White Eggs vs Desi Eggs: मुरादाबाद में नकली देसी अंडे बनाने का बड़ा मामला सामने आया, जहां सफेद अंडों को सिंदूर जैसे खतरनाक केमिकल से रंगा जा रहा था। असली और नकली देसी अंडे की पहचान कैसे करें।

मुरादाबाद के कारखाने में 80 हजार से अधिक रंगीन और सफेद नकली अंडे बरामद किए गए। कारखाने में सफेद अंडे को रंग कर देसी अंडे बनाने का काम चल रहा था। देसी अंडे बनाने के लिए सिंदूर जैसे खतरनाक केमिकल का इस्तेमाल किया जा रहा था। साथ ही कत्था के साथ चाय पत्ती भी जप्त की गई। यह बात सभी लोग जानते हैं कि सफेद अंडों के मुकाबले देसी अंडे महंगे आते हैं। सफेद अंडों को महंगा बेचने के लिए भूरा रंग चढ़ाया जा रहा है। इसके लिए सिंदूर का इस्तेमाल करना स्वास्थ्य के साथ खिलवाड़ करने जैसा है। सिंदूर में लेड होता है, जो अंडे के अंदर जाता है और शरीर को नुकसान पहुंचाता है। अगर आपके घर में भी देसी अंडे खाए जाते हैं, तो एक बार जांच जरुर कर लें कि वह असल में देसी अंडे है भी या फिर उनके ऊपर किसी केमिकल की लेयर चढ़ाई गई है।

रंग से करें देसी अंडे की पहचान

देसी अंडे का रंग हल्का भूरा से लेकर गहरा तक हो सकता है। कुछ अंडे मिट्टी के रंग के भी होते हैं। अगर आपको अंडे का रंग एकसमान या चमकीला दिखे तो ये नकली देसी अंडा हो सकता है।

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गहरे पीले या नारंगी जर्दी

देसी अंडे की जर्दी गहरे पीले से लेकर नारंगी रंग की हो सकती है। वहीं फार्म वाले अंडे की जर्दी हल्की पीली होती है। साथ ही देसी अंडों का वजन हाथ में रखने में भारी महसूस होता है वहीं फार्म वाले अंडे वजन में हल्के होते हैं।

अंडों की गंध से पता करें नकली असली की पहचान

आप अंडों की गंध से नकली और असली की पहचान कर सकते हैं। देसी अंडों में तेज गंध नहीं आती है। वहीं जब इनपर भूरा रंग चढ़ाया जाता है तो अंडों से तेज गंध आ सकती है। आपको गंध की मदद से असली और नकली अंडों की पहचान करनी चाहिए।

नोट: अगर अंडे सिंदूर से भूरे बनाए जाते हैं तो नकली अंडे खाने से शरीर में लेड पहुंचता है। लेड से शरीर में खून की कमी होती है और साथ ही प्रजनन क्षमता भी प्रभावित होती है।

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