सार
मानसून में वायरल संक्रमण कंजक्टिवाइटिस का हमला तेज हो गया है। कानपुर समेत कई इलाकों में रोगियों की संख्या में तेजी से इजाफा हुआ है। आइए जानते हैं इस बीमारी के बारे में सबकुछ और कैसे इससे बचा जा सकता है।
हेल्थ डेस्क. आंखों का रेड हो जाना कंजक्टिवाइटिस के लक्षण हैं। यह एक संक्रामक बीमारी होता है। मानसून के मौसम में देश के कई हिस्सों में यह तेजी से फैल रहा है। अस्पताल में मरीजों की संख्या बढ़ रही है। आंखों में होने वाले इस इंफेक्शन को वक्त रहते नहीं रोका जाता है तो फिर रोशनी जाना का खतरा बन जाता है। तो चलिए बताते हैं क्या होता है कंजक्टिवाइटिस (conjunctivitis) और इससे कैसे बचाव किया जा सकता है।
क्या होता है conjunctivitis
आंख के सफेद हिस्से पर एक झिल्ली होती है। इसे कंजंक्टाइवा कहते हैं। आंखों की झिल्ली में एडीनो वायरस, हरपीज सिम्पलैक्स वायरस समेत कई और वायरस का संक्रमण हो रहा है। जिससे कंजंक्टाइवा में सूजन आ जा रही है। आंखें लाल हो जा रही है, खुजली और चिपचिपा स्राव जैसे लक्षणों के परेशान करने वाली स्थिति पैदा हो जाती है। आंखों से जुड़ी इस बीमारी को रोकना जरूरी हो जाता है, खासकर मानसून (Monsoon) के मौसम में जब इंफेक्शन बढ़ जाती है।
कंजक्टिवाइटिस रोकने के 8 उपाय
1. व्यक्तिगत स्वच्छता बनाए रखें
कंजक्टिवाइटिस, या गुलाबी आंख को रोकने का सबसे प्रभावी तरीका अपने हाथों को साफ रखना है। यह नियमित रूप से साबुन और गर्म पानी से अपने हाथ धोने से प्राप्त किया जा सकता है, खासकर सार्वजनिक सतहों या दूसरों द्वारा उपयोग की जाने वाली वस्तुओं को छूने के बाद। इसके अलावा, जब भी संभव हो अपनी आंखों को छूने से बचें। यदि आपकी आंखों को छूना आवश्यक है, तो सुनिश्चित करें कि बैक्टीरिया या वायरस के संक्रमण के जोखिम को कम करने के लिए आपके हाथ पूरी तरह से साफ हों।
2. व्यक्तिगत वस्तुओं को साझा करने से बचें
कंजक्टिवाइटिस त्यधिक संक्रामक है और संक्रमित व्यक्ति की आंखों के संपर्क में आने वाली वस्तुओं के माध्यम से आसानी से फैल सकता है। तौलिए, तकिए, मेकअप और चश्मा जैसी वस्तुएं वायरस या बैक्टीरिया को जगह दे सकती है और संक्रमण यानी इंफेक्शन फैल सकती है। इसलिए निजी वस्तुओं को शेयर करने से बचें।
3. प्रोटेक्शन चश्मा पहनें
ऐसे वातावरण में जहां वायुजनित पदार्थ या धूल मौजूद हो सकती है, प्रोटेक्शन चश्मा पहनने से आपकी आंखों को संभावित जलन से बचाने में मदद मिल सकती है जिससे संक्रमण हो सकता है। यह उन लोगों के लिए विशेष रूप से महत्वपूर्ण है जो ऐसे वातावरण में काम करते हैं जहां आंखों में जलन आम बात है, जैसे निर्माण स्थल या कारखाने।
4. आंसू निकालें
आंसू आने से आंखों से एलर्जी को बाहर निकालने और जलन को शांत करने में मदद कर सकते हैं, जिससे कंजक्टिवाइटिस विकसित होने का खतरा कम हो जाता है। वे एक नम वातावरण बनाए रखते हैं जो बैक्टीरिया और वायरस के विकास के लिए प्रतिकूल है।
5. लेंस की सही देखभाल करें
आंखों के संक्रमण को रोकने के लिए कॉन्टैक्ट लेंस की उचित देखभाल महत्वपूर्ण है। इसमें नियमित रूप से लेंस की सफाई और बैक्टीरिया रहित करें। सोते समय लेंस को पहनने से बचें।
6. एलर्जी पर कंट्रोल रखें
एलर्जी अक्सर आंखों में सूजन पैदा करती है जिससे कंजक्टिवाइटिस हो सकता है। इसलिए, एलर्जी को नियंत्रित करना एक महत्वपूर्ण रोकथाम रणनीति है। एलर्जी प्रतिक्रियाओं को नियंत्रित करने के लिए एंटीहिस्टामाइन या अन्य निर्धारित दवाएं लें।
7. हेल्दी डाइट लें
आवश्यक विटामिन और खनिजों से भरपूर हेल्दी डाइट का सेवन करें। जिससे इम्यून सिस्टम मजबूत हो सके। विटामिन ए और सी से भरपूर गाजर, संतरा और शिमला मिर्च जैसे खाद्य पदार्थ आपकी आंखों को संक्रमण से बचाने में मदद कर सकते हैं। आंखों के स्वास्थ्य के लिए अन्य लाभकारी पोषक तत्वों में ओमेगा-3 फैटी एसिड, ल्यूटिन और जिंक शामिल हैं।
8. आंखों की नियमित जांच कराएं
आंखों की नियमित जांच से शुरुआती चरण में ही समस्याओं का पता लगाया जा सकता है, जब उनका इलाज करना सबसे आसान होता है। आंखों की जांच के दौरान, आपका नेत्र देखभाल पेशेवर आपकी आंखों के स्वास्थ्य का आकलन कर सकता है और कंजक्टिवाइटिस और अन्य आइज इंफेक्शन के बारे में पता लगा सकते हैं। जिससे तुरंत इलाज मिल सकता है।
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