सार

घर में कोई पार्सल आता है और उसमें से जब प्रोडक्ट को कवर किया बबल रैप आता है तो कई लोगों को उसे उसे फोड़ने का मन करता है। उसे फोड़कर मजा आता है। कहा जाता है कि इसे फोड़ने से स्ट्रेस दूर होता है। आइए जानते क्या कहता है विज्ञान।

हेल्थ डेस्क.बबल रैप देखते ही कई लोग उसे फोड़ने लगते हैं। इसमें उसे मजा आता है। वहीं कुछ लोग तनाव को दूर करने के लिए इसे फोड़ते हैं। उनका मानना है कि इसे फोड़ने से उनका स्ट्रेस कम होता है। स्टडी में भी यह बात साबित हुआ है। 1 मिनट बबल रैप को फोड़ने से 33 प्रतिशत तनाव का लेबल कम होता है। यह भी कहा गया है कि बबल रैप फोड़ने से बच्चों के ब्रेन का भी विकास होता है।

तनाव के वक्त बॉडी का क्या होता है रिएक्शन

स्टडी में बताया गया है कि बबल रैप फोड़ने से जो साउंड निकलती है वो किसी एंटी स्ट्रेस का काम करती है। तनाव जब होता है तो हमारा शरीर फाइट या फ्लाइट मोड को ऑन कर देता है। जिसकी वजह से मांसपेशियों में तनाव होने लगता है। ऐसा इसलिए हमारा शरीर करता है ताकि तनाव की स्थिति से मुकाबला किया जा सके या फिर भागा जा सके। आपने देखा होगा कि अक्सर लोग तनाव में अपने हाथ की उंगलियां या फिर पैर हिलाने लगते हैं।

बबल रैप कैसे दूर करता है तनाव?

बबल रैप जब फोड़ते हैं तो इसमें कुछ नर्वस एनर्जी की खपत होने लगती है। जिसकी वजह से स्ट्रेस कम होने लगता है।सील्ड एयर कॉरपोरेशन द्वारा किए गए स्टडी में यह बात सामने आया है। 1 मिनट बबल रैप फोड़ने से 33 प्रतिशत तक तनाव दूर हो सकता है। इतना तनाव कम 30 मिनट के मसाज से होता है।

मानसिक विकास में सहायक बबल रैप

नेशनल सेंटर फॉर बायोटेक्नोलॉजी इंफॉर्मेशन की मानें तो जो लोग बबल फोड़ते हैं वो आम लोगों की तुलना में ज्यादा एक्टिव और उत्साहि होते हैं। क्योंकि, इसे फोड़ना एक तरह की तकनीक है जिससे आराम मिलता है। इसे फोड़ने से मानसिक विकास भी होता है। जब आप अंगूठा और पहली उंगली एक साथ जोड़कर रैप के हर बबल को फोड़ने की कोशिश करते हैं तो मानसिक सुकून पहुंचता है। मसल्स के तनाव कम होते हैं। तो अगली बार जब भी बबल रैप देखकर इसे फोड़ने का मन करें तो तुरंत इसे करने लगें। ऑफिस हो या फिर घर किसी भी वक्त आप तनाव मुक्त को खुद रखने के लिए इसे फोड़ सकते हैं।

और पढ़ें:

Eye Infection में राहत देंगी 5 Home Remedies, पड़ोसी को भी बताएं

Pink Eye की चपेट में बच्चे, भारत में लगातार बढ़ रहे Conjunctivitis Case, कैसे करें बचाव