सार
स्टडी में पता चला है कि एक महीने तक पीएम-2.5 के संपर्क में रहने से ब्लड शर्करा का लेबल बढ़ गया। इतना ही नहीं एक साल से ज्यादा वक्त इसके संपर्क में रहने से टाइप 2 डायबिटीज का खतरा भी बढ़ गया है।
हेल्थ डेस्क.दिल्ली एनसीआर में एक बार फिर से जहरीली हवाओं से पूरा आकाश ढक गया है।कई क्षेत्रों में एयर क्वालिटी इंडेक्स (AQI) 400 का मार्क पार कर गया है। दिल्ली एनसीआर का आलम ऐसा है कि धुंध की वजह से सूरज छिप गया है। वायु प्रदूषण को लेकर एक हैरान करने वाला खुलासा भी हुआ है।एक स्टडी में पता चला है कि वायु प्रदूषण के कारण टाइप 2 डायबिटीज (type 2 diabetes) खतरा बढ़ जाता है।बीएमजे ओपन डायबिटीज रिसर्च एंड केयर जर्नल में यह प्रकाशित किया गया है।
12000 लोगों पर किया गया शोध
भारत में अपनी तरह का यह पहला रिसर्च है जिसमें दिल्ली और चेन्नई में इसे किया गया है। इस स्टडी में पाया गया कि उच्च मात्रा में महीन प्रदूषित कण (पीएम 2.5) वाली सांस लेने से ब्लड शुगर का स्तर बढ़ गया। जिसकी वजह से टाइप-2 डायबिटीज से पीड़ित लोगों की संख्या में इजाफा हुआ है। 2010-2017 के बीच किए गए इस स्टडी में 12,000 से अधिक पुरुष और महिलाओं के एक समूह शामिल किया गया और समय-समय पर उनके ब्लड शुगर के लेबल को मापा गया।
पीएम 2.5 के संपर्क में रहने वाले लोगों का ब्लड शुगर
स्टडी में पता चला कि एक महीने तक पीएम 2.5 के संपर्क में रहने वाले लोगों में ब्लड शुगर का लेबल बढ़ा। वहीं एक साल जो इसके संपर्क में रहा उसमें डायबिटीज की बीमारी देखी गई। दिल्ली और चेन्नई में सालाना औसत पीएम 2.5 में प्रत्येक 10 माइक्रोग्राम प्रति घन मीटर की बढ़ोतरी हुई। जिसकी वजह डायबिटीज का खतरा 22 प्रतिशत बढ़ गया।
दिल्ली -एनसीआर वाले लोग रहें सावधान
बता दें कि दिल्ली में बढ़ते प्रदूषण को देखते हुए केजरीवाल सरकार ने दो दिन के लिए स्कूल को बंद कर दिया है। अगले दो हफ्ते तक प्रदूषण और बढ़ने की आशंका जताई जा रही है। ऐसे में अगर जरूरी नहीं हो तो घर से बाहर निकलें नहीं। अस्थमा पेशेंट को भी घर से बाहर नहीं निकलना चाहिए। बुजुर्ग और बच्चों को घर में रहें। बाहर एक्सरसाइज करने से भी बचें। हेल्दी डाइट लें। खुद को हाइड्रेटेड रखें। एयरप्यूरीफायर का इस्तेमाल करें।
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