सार
अक्सर हम चीजों को भूलने लगते हैं। समझने और कोई निर्णय लेने में दिक्कत होने लगती है। यदि ऐसा हो रहा है तो जान लीजिए यह डिमेंशिया के लक्षण हैं। इसके इलाज के लिए डॉक्टर से संपर्क करें।
हेल्थ डेस्क। कई बार देखने को मिलता है कि इंसान छोटी-छोटी बातें भूलने लगता है। उसकी याद्दाश्य कमजोर होने लगता है औऱ छोटे-छोटे डिसीजन लेने में भी उसे दिक्कत होने लगती है। व्यक्ति का सोशल होना भी काफी कम हो जाता है। यदि आप के साथ ऐसा हो रहा है तो सतर्क हो जाइए, आप डिमेंशिया के शिकार हो रहे हैं। हालांकि घबराने की जरूरत नहीं है इसका ट्रीटमेंट हो जिससे आराम हो जाता है।
डिमेंशिया के लक्षणों में बातों को भूलना, सीमित सामाजिक मेलमिलाप होना और सोचने की कमज़ोर क्षमता शामिल हैं। इससे रोजमर्रा के कामकाज प्रभावित होते हैं. दवाएं और प्रोपर इलाज लक्षणों पर कंट्रोल करनेमें मदद करते हैं।
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समय के साथ बढ़ती है समस्या
डिमेंशिया की समस्या समय के साथ धीरे-धीरे बढ़ती है। डिमेंशिया के लक्षण रोगी की दिन-प्रतिदिन की गतिविधियों को प्रभावित करते हैं। यह स्थिति मस्तिष्क में होने वाले शारीरिक परिवर्तनों के कारण उत्पन्न होती है। डब्ल्यूएचओ के अनुसार डिमेंशिया दुनिया भर में वृद्ध लोगों में विकलांगता और निर्भरता के प्रमुख कारणों में से एक है। दुनिया भर में लगभग 50 मिलियन लोग डिमेंशिया से पीड़ित हैं। हर साल, लगभग 10 मिलियन नए मामले सामने आते हैं जिनमें ज्यादातर मरीज 60 वर्ष के ऊपर के होते हैं।
डिमेंशिया के फेजेज
डिमेंशिय की समस्या के इलाज के लिए डॉक्टर कई टेस्ट करते हैं। डिमेंशिया से पीड़ित व्यक्ति कई फेज से होकर गुजरता है। डिमेंशिया के रोगी इस बीमारी के 7 फेज से होकर गुजरते हैं। यहां डिमेंशिया के 7 चरण देख सकते हैं…
फेज 1: कोई संज्ञानात्मक गिरावट नहीं
पहले स्टेज पर डिमेंशिया के रोगी को कोई लक्षण नहीं दिखाई पड़ता है। कोई नुकसान नहीं होता और मेंटल काम सामान्य रहता है। लक्षणों को पहचानना कठिन हो सकता है लेकिन टेस्ट से समस्या का पता चल सकता है।
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फेज 2: भूलने की आदत में हल्की गिरावट
इस फेज में बहुत हल्के लक्षण शामिल होते हैं जिन्हें आमतौर पर सामान्य या उम्र बढ़ने का कारण मान लिया जाता है। जैसे स्थान का नाम भूल जाना, वस्तुओं का स्थान भूल जाना या सेंटेंस भूल जाना।
फेज 3: हल्की संज्ञानात्मक गिरावट
इस स्तर पर डिमेंशिया मरीजों के लक्षण बिगड़ जाते हैं। उनके सोचने और तर्क करने की क्षमता में बदलाव देख सकते हैं। इस स्तर पर पीड़ित के लक्षण काफी ध्यान देने योग्य हो जाते हैं। किसी व्यक्ति को ध्यान केंद्रित करने और सही शब्द ढूंढने में कठिनाई हो सकती है।
फेज 4: मध्यम संज्ञानात्मक गिरावट
इस स्तर पर डिमेंशिया से पीड़ित व्यक्ति को पैसे संभालने और स्थानों की यात्रा करने में कठिनाई का सामना करना पड़ता है। किसी काम की प्लानिंग करने में भी कठिनाई होती है।
स्टेज 5- मीडियम रूप से गंभीर गिरावट
इस स्तर पर रोगी को दिन-प्रतिदिन के कार्यों को पूरा करने के लिए दूसरों की मदद चाहिए होती है। वह छोटी-मोटी जानकारी जैसे फोन नंबर, पता या बच्चों/पोते-पोतियों के नाम भूल सकता है।
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फेज 6: क्रिटिकल कॉगनेटिव डिक्लाइन
इस स्टेज पर लाइफ पार्टनर या लाइफ की प्रमुख घटनाओं के नाम भूल जाना, बोलने में कठिनाई, व्यक्तित्व या भावनाओं में बदलाव या चिंता जैसे लक्षण दिखाई देते हैं। किसी व्यक्ति को शौचालय जाने या भोजन करने जैसे काम के लिए भी मदद की जरूरत होती है।
फेज 7ः बहुत गंभीर संज्ञानात्मक गिरावट
इस स्तर पर डिमेंशिया के मरीजों का अधिकांश समय बिस्तर पर ही बीतता है. मरीज चल नहीं पाता है। वह अपने बात रखने रखने में भी सक्षम नहीं हो पाता है।