Salman Khan Diseases: बेहद ही फिट दिखने वाले सलमान खान ट्राइजेमिनल न्यूराल्जिया बीमारी से पीड़ित हैं। यह एक न्यूरोपैथिक पेन की स्थिति है, जो चेहरे के नस ट्राईजेमिनल नर्व को प्रभावित करती है।
What Is Trigeminal Neuralgia: सलमान खान इन दिनों बिग बॉस 19 में नजर आ रहे हैं। इसके साथ ही वो अपनी मूवी 'बैटल ऑफ गलवान' को लेकर भी चर्चा में हैं। बॉलीवुड के भाई जान की बीमारी के बारे में भी बात होने लगी है, जिसके बारे में वो खुलकर एक शो में बोले हैं। दरअसल, 'दबंग' एक्टर को ट्राइजेमिल न्यूराल्जिया की बीमारी है। इस बीमारी का दर्द उन्होंने 7 साल तक झेला है।
सलमान खान ने हाल ही में ट्विंकल खन्ना और काजोल के प्राइम वीडियो टॉक शो 'टू मच' में बताया कि ट्राइजेमिनल न्यूराल्जिया का दर्द पहली बार फिल्म 'पार्टनर' की शूटिंग के दौरान फील हुआ। इस दर्द के साथ मुझे जीना है। उन्होंने बताया कि जब उन्हें ये पहली बार महसूस हुआ था, तो दर्द बहुत असहनीय था। ऐसा दर्द होता है कि कोई अपने सबसे बड़े दुश्मन को भी ऐसा दर्द ना दें। यह दर्द मुझे साढ़े सात साल तक रहा। हर 4-5 मिनट में दर्द उठता था। बात करते-करते ये अचानक हो जाता था। इससे सुसाइडल डिजिज भी कहते हैं।
ट्राइजेमिनल न्यूराल्जिया क्या है?
ट्राइजेमिनल न्यूराल्जिया (Trigeminal Neuralgia) एक गंभीर न्यूरोपैथिक दर्द की स्थिति है, जो चेहरे की नस ट्राइजेमिनल नर्व (Trigeminal Nerve) को प्रभावित करती है। यह नस चेहरे के दोनों तरफ संवेदनाओं (sensations) को नियंत्रित करती है, जैसे माथा, गाल, जबड़ा, होंठ और आंखों के आसपास। इसमें चेहरे के किसी हिस्से में अचानक, तेज और झटकेदार (electric shock जैसे) दर्द होता है। यह दर्द कुछ सेकंड से लेकर कुछ मिनट तक रह सकता है, और दिन में कई बार अटैक हो सकते हैं। शुरुआत में यह हल्के दर्द के साथ हो सकता है, लेकिन समय के साथ दर्द तीव्र और असहनीय हो जाता है।
ट्राइजेमिनल न्यूराल्जिया बीमारी के कारण ?
नस पर दबाव (Compression of Nerve)
अक्सर ट्राइजेमिनल नर्व के पास की रक्त वाहिका (blood vessel) इस पर दबाव डालती है, जिससे नस में irritation होता है और दर्द के सिग्नल दिमाग तक गलत तरीके से पहुँचते हैं।
डिमायलिनेशन (Loss of Nerve Covering)
नस को ढकने वाली सुरक्षात्मक परत (myelin sheath) का नुकसान हो जाता है, जिससे नस hyper-sensitive हो जाती है और दर्द के झटके महसूस होते हैं। यह मल्टीपल स्क्लेरोसिस (MS) जैसी बीमारियों से भी जुड़ा हो सकता है।
और पढ़ें: Health Risks of Mold: फफूंदी सिर्फ गंदगी नहीं, आपकी सेहत की ‘साइलेंट किलर’ भी
ट्रिगर फैक्टर (Trigger Factors)
चेहरे को हल्का छूना, दाँत साफ करना, शेव करना, हवा लगना, या बात करना – इन साधारण कामों से भी दर्द शुरू हो सकता है।
ट्राइजेमिनल न्यूराल्जिया बीमारी के क्या हैं लक्षण?
- चेहरे पर अचानक, तीव्र और बिजली जैसे झटकेदार दर्द
- दर्द अक्सर एक तरफ होता है (बहुत कम केस में दोनों तरफ)
- कुछ सेकंड से मिनट तक चलने वाले अटैक
- चेहरे पर टच करना, हंसी, दांत साफ करना या खाना खाने पर दर्द trigger होना
लगातार अटैक के कारण डर, चिंता बनी रहती है। सलमान ने बताया कि कई बार आत्महत्या का भी ख्याल लोगों को आता है, क्योंकि दर्द बहुत भयानक होता है।
क्या इस बीमारी का इलाज है?
हां, इस बीमारी का इलाज संभव है। दवाओं से इसे कंट्रोल करने की कोशिश की जाती है। अगर दवा असर नहीं करता है तो फिर इंजेक्शन या सर्जरी की मदद ली जाती है। हालांकि इस बीमारी को पूरी तरह से खत्म नहीं किया जा सकता है। इलाज दर्द को कंट्रोल करता है और लाइफ की क्वालिटी को बेहतर बनाता है.
इसे भी पढ़ें: कॉर्पोरेट वर्कर ने होम वर्कआउट से किया 30 Kg Weight Loss, जानिए कैसे बनी वेट लॉस जर्नी आसान?
