Shreyas Iyer Rib Injury Update: ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ तीसरे और आखिरी वनडे मैच में भारतीय उप कप्तान श्रेयस अय्यर की पसलियों में चोट लग गई। ये पसलियों की चोट क्या है और कितनी खतरनाक हो सकती है आइए जानें...
What Is Rib Cage Injury: भारतीय उप कप्तान श्रेयस अय्यर ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ तीसरे वनडे मैच में चोटिल हो गए थे। फील्डिंग के दौरान जब उन्होंने एलेक्स कैरी का कैच पकड़ा तो बैलेंस बिगड़ने की वजह से वो गिर गए और उनकी बाई पसली पर जोरदार चोट लगी। इसके बाद उन्हें सिडनी के अस्पताल में आईसीयू वार्ड में एडमिट कराया गया है। रिपोर्ट के अनुसार, उनकी रिब्स में इंटरनल ब्लीडिंग हुई है, लेकिन ये रिब केज इंजरी होती क्या है और कितनी खतरनाक हो सकती है आइए जानते हैं
क्या होती है रिब केज इंजरी
पसलियों का काम शरीर के अंदरूनी हिस्से जैसे हार्ट, फेफड़ों, लीवर और किडनी की रक्षा करना होता है। रिब इंजरी यानी कि पसलियों की चोट आमतौर पर पसली में फ्रैक्चर या क्रैक होता है। ये आमतौर पर खेलने के दौरान, गिरने की वजह से या किसी दुर्घटना की वजह से हो सकता है। ये रिब फ्रैक्चर दो प्रकार के होते हैं-
नॉन डिस्प्लेस्ड रिब- ये फ्रैक्चर तब होता है जब हड्डी टूटी होती है, लेकिन अपनी जगह से ज्यादा हिली हुई नहीं होती है।
डिस्प्लेस्ड फ्रैक्चर- हड्डी के टुकड़े अपनी जगह से हट जाते हैं। उनके बीच गैप बन जाता है। इस स्थिति में सर्जरी की भी जरूरत पड़ सकती है।
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रिब केज इंजरी के लक्षण
- रिब केज इंजरी में आमतौर पर सांस लेते समय या खांसते समय तेज दर्द होता है।
- छूने पर दर्द होता है।
- आंतरिक या बाहरी सूजन हो सकती है।
- शरीर पर नीले या लाल निशान बन सकते हैं।
- गहरी सांस लेने में दिक्कत हो सकती है।
- चलने फिरने में दिक्कत होती है।
रिब केज इंजरी के खतरे
पसलियों की चोट अगर गंभीर हो जाए तो इससे हार्ट, लीवर या फेफड़ों तक चोट पहुंच सकती है, जिससे इंटरनल ब्लीडिंग शुरू हो सकती है। रिब्स में अगर क्रैक या फ्रैक्चर आ जाए तो सांस लेने में समस्या हो सकती है, इससे फेफड़े सिकुड़ जाते हैं और निमोनिया का खतरा भी बढ़ सकता है। भारतीय क्रिकेटर श्रेयस अय्यर की चोट गंभीर जरूर है, लेकिन डॉक्टर उनकी देखरेख कर रहे हैं। इंटरनल ब्लीडिंग होने के कारण संक्रमण का खतरा न हो, इसलिए उन्हें आईसीयू में एडमिट कराया गया है, फिलहाल उनकी हालत स्थिर है।
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रिब केज इंजरी का इलाज और रिकवरी
- रिब केज इंजरी में आराम करना सबसे जरूरी होता है।
- डॉक्टर की सलाह पर पेन रिलीफ दवा दी जाती है।
- आइस पैक या ठंडी पट्टी लगाने से पसलियों की सूजन कम होती है।
- आमतौर पर पसलियों की चोट को ठीक होने में 4 से 6 हफ्ते लगते हैं।
