सार

विशेषज्ञों का कहना है कि केंद्रीय बजट 2023-24 को हेल्थ सेक्टर में 20 प्रतिशत की बढ़ोतरी के साथ तैयार किया जाना चाहिए। ताकि बीमा, वैक्सीन,टेक्नोलॉजी और अनुसंधान एवं विकास समेत विभिन्न क्षेत्रों से निपटा जा सकें।

हेल्थ डेस्क. दुनिया कोरोनोवायरस महामारी (COVID-19 pandemic)के असर से जूझ रही हैं। ग्लोबल हेल्थ ऑर्गेनाइजेशन संक्रामक बीमारी के प्रकोप के बारे में आगाह कर रहे हैं। ऐसे में इस बार स्वास्थ्य क्षेत्र की निगाहें बजट 2023(union budget 2023) पर होगी। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण (nirmala sitharaman ) 1 फरवरी यानी आज संसद में बजट पेश करने जा रही हैं।

हेल्थ सेक्टर पर रहेगा फोकस !

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अतीत में स्वास्थ्य सेवा को सरकार के प्रमुख फोकस क्षेत्रों में रखने की बात कहीं है। ऐसे में इस बार माना जा रहा है कि हेल्थ सेक्टर पर वित्त मंत्री अपनी मेहरबानी बरसाएंगी।सीतारमण ने बजट 2022-23 में स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय (MoHFW) को 86,200 करोड़ रुपये आवंटित किए थे, जो पिछले बजट की तुलना में 16.5 प्रतिशत अधिक था।

20-30 प्रतिशत बढ़ोतरी की हो रही मांग

विशेषज्ञों ने कहा है कि स्वास्थ्य मंत्रालय में बीमा, टीके, प्रौद्योगिकी और अनुसंधान और विकास (R&D) सहित विभिन्न क्षेत्रों से निपटने के लिए 20-30 प्रतिशत की वृद्धि के साथ बजट 2023 का मसौदा तैयार किया जाना चाहिए। पिछले एक दशक के आंकड़ों को देखें तो हेल्थ सेक्टर में बजट हर बार बढ़ाए गए हैं। लेकिन बावजूद इसके सच्चाई ये हैं कि हमारे देश में अभी भी दूसरे देशों की तुलना में हमारी अपनी जीडीपी के मुताबिक हेल्थ बजट बहुत कम हैं। इसलिए इसमें 20 -30 प्रतिशत इजाफे की मांग हो रही हैं।

आयुष्मान स्कीम का दायरा बढ़ाया जाए

-आम लोगों तक स्वास्थ्य सुविधाएं पहुंचे इसके लिए बड़े पैमाने पर हेल्थ केयर इन्फ्रास्ट्रक्चर तैयार करने की जरूरत है।

-भारत में बड़ी आबादी के बाद हेल्थ इंश्योरेंस नहीं हैं। हालांकि आयुष्मान स्कीम के तहत हालात थोड़े सुधरे हैं, लेकिन अभी भी ये बड़ी आबादी से दूर है।

-रोबोटिक सर्जरी अब भी एक महंगा काम है। इसे बढ़ावा देने की जरूरत है।

-हर इंसान को स्वास्थ्य सेवा मिले, ये सुनिश्चित करने के लिए निजी- सार्वजनिक हिस्सेदारी को प्रोत्साहित करने की मांग हो रही है।

-आयुष्मान भारत स्कीम का दायरा बढ़ाया जाए।

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