एक एंटरप्रेन्योर ने बैंकॉक में सुबह बच्चों को स्ट्रॉलर में घुमाने की आदत देखी। यह आदत भारत में आम नहीं है। लोगों ने इसके लिए भारत में फुटपाथ की कमी, प्रदूषण और पार्किंग जैसी समस्याओं को कारण बताया।

नारायणन हरिहरन नाम के एक एंटरप्रेन्योर ने सोशल मीडिया पर बैंकॉक की एक हेल्दी आदत के बारे में पोस्ट शेयर किया है, जो भारत में देखने को नहीं मिलती। हाल ही में थाईलैंड की अपनी यात्रा के दौरान हरिहरन ने इस बात पर गौर किया। हरिहरन का कहना है कि बैंकॉक में लोग सुबह-सुबह बच्चों को स्ट्रॉलर में लेकर टहलने निकलते हैं। लेकिन, भारत में ऐसा आमतौर पर नहीं दिखता। हरिहरन ने एक्स (ट्विटर) पर लिखा, 'बैंकॉक में सुबह 6 बजे पुरुषों और महिलाओं को बच्चों की गाड़ी (प्रैम) के साथ टहलते देखना बहुत अद्भुत लगता है। भारत में मैंने ऐसा कभी नहीं देखा।'

कहा जाता है कि सुबह नियमित रूप से टहलने के कई फायदे हैं। एक्सपर्ट्स का कहना है कि अगर कोई व्यक्ति रोजाना 10,000 कदम चलता है, तो यह उसकी पूरी सेहत के लिए फायदेमंद होता है। लेकिन, पोस्ट में कहा गया है कि भारतीय आमतौर पर ऐसा करते नहीं दिखते। इस पोस्ट पर कई लोगों ने कमेंट्स किए। कई लोगों ने राय दी कि इसके लिए भारतीयों को पूरी तरह से दोष नहीं देना चाहिए, यहां लोगों के न टहलने की वजहें हैं।

Scroll to load tweet…

कुछ लोगों ने पूछा कि भारत में ज़्यादातर सड़कों के किनारे गाड़ियां खड़ी रहती हैं, तो फिर कोई कैसे टहलेगा? वहीं कुछ अन्य लोगों ने कहा कि हमेशा कोई न कोई कंस्ट्रक्शन का काम चलता रहता है, तो फिर कैसे टहलें। इसी तरह, कुछ और लोगों ने राय दी कि धूल, वायु प्रदूषण और फुटपाथ की कमी जैसी वजहों से लोगों के लिए कहीं भी पैदल चलना या टहलना मुश्किल हो जाता है।