Adah Sharma: अदाह शर्मा का मानना है कि सच्चा रिश्ता वही है, जहां पार्टनर साइलेंस को समझे, सर्काज्म को झेले और ईगो को छोटा रखे। आज के दौर में प्यार का मतलब सिर्फ रोमांस नहीं, बल्कि समझ, सम्मान और इमोशनल मेच्योरिटी है।

 Adah Sharma Relationship: 'द केरल स्टोरी' की अदाकारा अदाह शर्मा अपनी एक्टिंग के साथ-साथ नेचरल लवर के रूप में भी जानी जाती है। पशु-पंक्षियों की आवाज वो निकालती हैं, उनके साथ वक्त गुजारती हैं। 33 की उम्र में शादी से ज्यादा अपने काम कम को तव्वजो देने वाली अदाकारा एक ऐसा पार्टनर चाहती हैं, जिसमें 3 गुण हो। एक इंटरव्यू में उन्होंने बताया कि उन्हें कैसा पार्टनर चाहिए। वो साइलेंस, सर्काज्म और बहुत छोटा ईगो संभाल ऐसा पार्टनर चाहती हैं। अदाकारा की यह सोच क्या है दिखता है कि क्या प्यार अब सिर्फ रोमांस नहीं, बल्कि ‘इमोशनल मैच्योरिटी’ का नाम बन चुका है? आइए जानते हैं, रिश्तों में इन तीन खूबियों की अहमियत क्यों बढ़ गई है।

साइलेंस संभालना - इमोशनल कनेक्शन की असली पहचान

हर रिश्ता बातों से नहीं, खामोशियों से भी समझ आता है। जब दो लोग बिना बोले एक-दूसरे को महसूस कर पाते हैं, वहीं से असली गहराई शुरू होती है। अगर कोई व्यक्ति हर पल बोलने या समझाने की कोशिश करता है, तो रिश्ता बोझ बन जाता है। अदाह का “साइलेंस हैंडल करना” असल में माइंडफुल लव का संकेत है, जहां शब्दों से ज्यादा एहसास मायने रखता है।

छोटा ईगो-सबसे बड़ी खूबी

प्यार में ईगो नहीं चलता। अदाह शर्मा का “बहुत छोटा ईगो” वाला कमेंट आज के रियल रिलेशनशिप्स की रेसिपी है। बड़ा ईगो हर बार “मैं सही” साबित करने में व्यस्त रहता है, जबकि सच्चा पार्टनर “हम सही” बनने की कोशिश करता है। रिश्ते तभी टिकते हैं जब माफीमांगना, झुकना और समझना कमजोरी नहीं, समझदारी मानी जाए।

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सर्काज्म झेलना-च्योर पार्टनरशिप की निशानी

थोड़ा-सा सर्काज्म, थोड़ी-सी मस्ती ये किसी भी हेल्दी रिश्ते का हिस्सा हैं। लेकिन हर कोई इसे समझ नहीं पाता। अगर आपका पार्टनर आपके ह्यूमर को पर्सनल अटैक समझे, तो रिश्ते में तनाव आता है। जो इंसान सर्काज्म यानी हेल्दी ताने झेल सकता है, वो समझदार होता है। क्योंकि वो बातों के पीछे की भावना को पढ़ लेता है, न कि सिर्फ शब्दों को। हालांकि सर्काज्म को बर्दाश्त करने की क्वालिटी बहुत ही कम पुरुषों में होती है। लेकिन जिसके अंदर ये क्वालिटी है, वो एक अच्छा पति बना सकता है। 

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