सार

32 वर्षीय क्रिस्टेल कैंडेलारियो ने कोर्ट में बताया कि उनकी बच्ची जेलिन की मौत दुर्भाग्यपूर्ण थी। अवसाद और चिंता से उपजे दर्द की वजह से वो छुट्टी लेने पर मजबूर हो गई थीं।

रिलेशनशिप डेस्क. मां जो ममता से भरी होती है, जो अपने संतान के दर्द को पहले ही भाप लेती है। लेकिन हम यहां पर एक ऐसी महिला के बारे में बताने जा रहे हैं जिसे 10 दिन तक अपनी बच्ची का भूख-प्यास से रोना सुनाई नहीं दिया। वो खुद छुट्टी मनाती रही और घर के कमरे में बंद 16 महीने की बच्ची मां-मां करके एक कमरे से दूसरे कमरे में जाती रही और फिर दम तोड़ दिया। पूरी कहानी पढ़कर कलेजा कांप जाएगा। आप कल्पना करके हिल जाएंगे कि वो 10 दिन बच्ची के ऊपर क्या गुजरी होगी।

दर्दनाक कहानी अमेरिका के ओहियो से जुड़ी है। 32 साल की क्रिस्टेल कैंडेलारियो (Kristel Candelario) को आजीवन कारावास की सजा दी गई है। रिपोर्ट की मानें तो साल 2023 की गर्मी में कैंडेलारियो अपनी 16 महीने की बेटी जेलिन को घर में अकेले छोड़कर 10 दिन की छुट्टी मनाने निकल गई थी। जेलिन घर में बिना भोजन और पानी के रही। जिसकी वजह से उनकी मौत हो गई। बच्ची बंद घर में रोती रही, मां को पुकारती रही। लेकिन किसी को उसकी आवाज सुनाई नहीं दी। यहां तक की कैंडेलारिया को भी ये ख्याल नहीं आया कि वो अपने पीछे एक मासूम को घर में अकेली छोड़ दी है।

आपने बेटी को भूख से मारा है, जेल में आप उस दर्द को झेलिएगा

पुलिस ने इस मामले में कैंडेलारिया को गिरफ्तार किया। कोर्ट ने इस गुनाह के लिए उसे आजीवन कारावास की सजा सुनाई। वहीं कोर्ट में कातिल मां ने दलील दिया कि मानसिक स्वास्थ्य के लिए उसे छुट्टी की जरूरत थी। वो अवसाद और चिंता में थी। मेरी इस गलती के लिए भगवान और मेरी बेटी ने मुझे माफ कर दिया है। महिला के इस दलील को सुनकर काउंटी कॉमन प्लीज़ कोर्ट के न्यायाधीश ब्रेंडन शीहान ने उसे फटकारा और कहा कि जिस तरह आपने जेलिन को उसकी कैद से बाहर नहीं आने दिया, उसी तरह आपको अपना बाकी जीवन भी बिना आजादी के एक कोठरी में बिताना चाहिए।फर्क सिर्फ इतना होगा कि जेल आपको कम से कम खाना खिलाएगी और तरल पदार्थ देगी जो आपने उसे देने से इनकार कर दिया था।

बेटी के लिए कोर्ट से मांगी माफी

वहीं, कैंडेलारिया के इस जुर्म से उसके माता-पिता दुखी हैं। लेकिन वो बेटी को सजा मुक्त करने की मांग कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि उसने जो किया उसे सुनकर मेरा दिल 1,000 टुकड़ों में बंट गया है। लेकिन मैं यह दुनिया को बताना चाहता हूं कि मेरी बेटी एक ऐसे घर से आई है जहां मूल्य, विश्वास, भावनाएं, गर्मजोशी थी। जहां सबसे महत्वपूर्ण चीज परिवार थी। लेकिन वो अवसाद में आकर ऐसी हरकत की। वो अपनी लापरवाही को मान लिया है। उन्होंने बेटी के लिए दया की भीख मांगी है।

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