आजकल लॉन्ग डिस्टेंस रिलेशनशिप का चलन बढ़ता जा रहा है। इस रिलेशन में कई वजहों से पार्टनर दूर-दूर रहते हैं। ऐसे रिलेशनशिप को बनाए रखने में कई तरह की परेशानियां आती हैं।
जब बच्चे बड़े होने लगते हैं और किशोरावस्था में आ जाते हैं, तो उनमें मानसिक और शारीरिक स्तर पर कई तरह के बदलाव होने लगते हैं। ऐसे में, कई बार बच्चे फैमिली से दूरी बनाने लगते हैं। इसके अलावा भी कई तरह की समस्याएं उनके सामने आती हैं।
विवाह जीवन का सबसे महत्वपूर्ण हिस्सा है। यह एक नई जिंदगी की शुरुआत है। लेकिन अक्सर देखने में आता है कि विवाह के कुछ वर्षों के बाद पति-पत्नी के दूरियां आने लगती हैं और रिश्ते में पहले जैसा उत्साह नहीं रह जाता है।
कोरोनावायरस महामारी ने लोगों की लाइफ को कई तरह से प्रभावित किया है। इसकी वजह से प्रेमी जोड़े आपस में मिल नहीं पा रहे हैं। कोरोनावायरस महामारी ने पार्टनर्स के बीच एक दूरी पैदा की है।
आज के समय में सच्चा पार्टनर मिल पाना आसान नहीं है। जब आप किसी के साथ रिलेशनशिप शुरू करते हैं तो एकबारगी आपको पता नहीं चल पाता कि पार्टनर का नेचर कैसा है। सच्चाई देर से सामने आती है और कई बार इसमें काफी नुकसान भी उठाना पड़ता है।
वीडियो डेस्क। कोरोना वायरस की इस महामारी में जरूरत है अब राहत की। वहीं फिनलैंड में अब कुत्तों को ट्रेनिंग दी गई है। ये कुत्ते सूंघकर पता लगा सकते हैं कि सैंपल संक्रमित है या नहीं। अभी आमतौर पर खून की जांच या पीसीआर टेस्ट के जरिए कोरोना वायरस का पता लगाया जाता है। इन कुत्तों को ट्रेनिंग दी गई है।
आजकल कई वजहों से लॉन्ग डिस्टेंस रिलेशनशिप का चलन बढ़ता जा रहा है। अक्सर लोग सोशल मीडिया के जरिए एक-दूसरे के कॉन्टैक्ट में आते हैं। दोस्ती होती है और धीरे-धीरे यह कब प्यार में बदल जाती है, पता नहीं चलता।
पहले ऑनलाइन डेटिंग सिर्फ महानगरों तक सीमित थी। छोटे शहरों में इसके बारे में लोग जानते तक भी नहीं थे। जो जानते थे, वे इसकी चर्चा करने से भी कतराते थे। लेकिन अब इंटरनेट के प्रसार और सोशल मीडिया के उभार के चलते ऑनलाइन डेटिंग की शुरुआत छोटे शहरों तक में हो चुकी है।
वीडियो डेस्क। 24 अक्टूबर 1995 ये वो दिन था जब दिन में घनघोर अंधेरा हो गया था। कुछ पल के लिए हुई इस घटना के करोड़ों लोग साक्षी थी। लोगों ने ये नजारा अपने कैमरे में भी कैद किया। तो दूसरे दिन अखबार कि सुर्खियां भी वही थीं। इस दिन कंकणाकृति का सूर्य ग्रहण था। अब इतिहास एक बार फिर दोहराने वाला है। 21 जून 2020 को लगने वाला ग्रहण कंकणाकृति होगा।
वीडियो डेस्क। अंतरिक्ष में उल्कापिंड का भंडार है जो इधर उधर तैरते रहते हैं। ऐसे में कई एस्टेरोइड पृथ्वी के बेहद करीब आ जाते हैं। इसका ताजा उदाहरण पिछले महीने ही सामने आया था जब 29 अप्रैल के एक विशाल उल्कापिंड धरती के करीब से गुजरा था हालांकि इससे पृथ्वी को कोई नुकसान तो नहीं हुआ लेकिन इस घटना से काफी लोग भयभीत हो गए थे।