सार
कंगना रनौत ने लोगों को इतिहास के बारे में जानने की सीख दी और लिखा कि गांधीजी चाहते थे भगत सिंह को फांसी हो। गांधी ने कभी भगत सिंह और नेताजी को सपोर्ट नहीं किया। कई सबूत हैं जो इशारा करते हैं कि गांधीजी चाहते थे कि भगत सिंह को फांसी हो जाए, इसलिए आपको चुनना है कि आप किसके समर्थन में हैं।
भोपाल : पद्मश्री और बॉलीवुड एक्ट्रेस कंगना रनौत (kangana ranaut) पर मचा बवाल थमने का नाम नहीं ले रहा है। पहले 1947 में मिली आजादी को भीख और अब राष्ट्रपिता महात्मा गांधी (Mahatma Gandhi) पर विवादित टिप्पणी कर कंगना कांग्रेस (congress) समेत राजनीतिक दलों के निशाने पर हैं। देश के कई राज्यों में उनके खिलाफ विरोध-प्रदर्शन चल रहा है। इसी कड़ी में मध्यप्रदेश (Madhya pradesh) की राजधानी भोपाल (Bhopal) में भी कांग्रेस सड़क पर उतर आई है। कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने कंगना का पुतला फूंका और पद्मश्री वापस लेने की मांग की।
कांग्रेस का हल्लाबोल
महात्मा गांधी पर कंगना की टिप्पणी पर कांग्रेस ने कड़ी आपत्ति जताई है। आक्रोशित कांग्रेस नेताओं ने भोपाल के 6 नंबर बस स्टॉप के पास कंगना रनौत का पुतला जलाया। कांग्रेस नेताओं ने भाजपा की केंद्र और राज्य सरकार के खिलाफ जमकर नारेबाजी की। कांग्रेस नेताओं ने कंगना रनौत से पद्मश्री वापस लेने की मांग की है।
क्या है विवाद?
कंगना रनौत ने आजादी के महानायक महात्मा गांधी गांधी को सत्ता का भूखा और चालाक कहा है। उन्होंने सोशल साइट इंस्टाग्राम पर दो लंबे मैसेज किए हैं। एक मैसेज में अखबार की एक पुरानी कटिंग लगाकर कंगना ने लिखा है कि या तो आप गांधी के फैन हो सकते हैं या नेताजी के समर्थक। आप दोनों नहीं हो सकते। चुनें और फैसला करें। कंगना ने इंस्टाग्राम में जो संदेश लिखा है उसमें बापू को सत्ता का भूखा और चालाक बताने तक की हिमाकत कर दी, इससे पहले कंगना ने भारत को मिली आजादी को भीख कहा था।
कंगना का ये भी दावा
कंगना ने ये भी दावा किया है कि महात्मा गांधी चाहते थे कि सरदार भगत सिंह सिंह (Bhagat Singh) को फांसी की सजा मिले। इससे पहले कंगना ने भारत को मिली आजादी को भीख कहा था। अब कंगना के खिलाफ राजस्थान (Rajasthan) की राजधानी जयपुर (Jaipur) में कांग्रेस नेता ने शिकायत दर्ज कराई है। कंगना ने लिखा है कि स्वतंत्रता के लिए लड़ने वालों को उन लोगों ने अपने मालिकों को सौंप दिया, जिनमें अपने ऊपर अत्याचार करने वालों से लड़ने की ना तो हिम्मत थी, ना ही खून में उबाल। ये सत्ता के भूखे और चालाक लोग थे। ये वही थे जिन्होंने हमें सिखाया अगर कोई तुम्हें एक गाल पर थप्पड़ मारे तो उसके आगे दूसरा गाल कर दो और इस तरह तुमको आजादी मिल जाएगी। इस तरह से आजादी नहीं सिर्फ भीख मिलती है। अपने हीरो समझदारी से चुनें।
गांधी जी चाहते थे भगत सिंह को फांसी हो
एक और पोस्ट में कंगना रनौत ने लोगों को इतिहास के बारे में जानने की सीख दी और लिखा कि गांधीजी चाहते थे भगत सिंह को फांसी हो। कंगना ने लिखा कि गांधी ने कभी भगत सिंह और नेताजी को सपोर्ट नहीं किया। कई सबूत हैं जो इशारा करते हैं कि गांधीजी चाहते थे कि भगत सिंह को फांसी हो जाए, इसलिए आपको चुनना है कि आप किसके समर्थन में हैं, क्योंकि उन सबको अपनी यादों में एक साथ रख लेना और हर साल उनकी जयंती पर याद कर लेना ही काफी नहीं है। सच कहें तो ये महज मूर्खता नहीं बल्कि बेहद गैरजिम्मेदाराना और सतही है। लोगों को अपना इतिहास और अपने हीरो पता होने चाहिए।
आजादी पर भी दिया था विवादित बयान
बीते दिनों एक मीडिया से बातचीत में कंगना रनौत ने बयान दिया था कि देश को असली आजादी 2014 में मिली है। इससे पहले स्वाधीनता गांधीजी को कटोरे में भीख में मिली थी। उन्होंने कांग्रेस को ब्रिटिश शासन के आगे का रूप बताया था।
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