सार
29 साल की लेडी डॉक्टर सुधाश्री सोनी ने आरकेडीएफ कॉलेज से BDMS किया था। वह एक सीनियर डॉक्टर के पास प्रैक्टिस कर रही थी। वो ज्यादा किसी से बात नहीं करती थी। सामने वाले फ्लैट के लोगों तक से बात नहीं करती थीं। लेकिन सोशल मीडिया पर काफी एक्टिव रहती थीं।
भोपाल. मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल से एक दुखद खबर सामने आई है। जहां एक BDMS महिला डॉक्टर ने फांसी का फंदा बनकर अपनी जीवन लीला समाप्त कर ली। घटना सूचना मिलने पर आसपास के लोग और पुलिस पहुंची तो उसकी सांसे थम चुकी थीं। मृतका के पास से एक सुसाइड नोट भी मिला है। जिसमें एक युवक का जिक्र है और उसके लिए आई लव यू लिखा है।
ऐसे चला डॉक्टर की मौत का पता
दरअसल, दिल को झकझोर देने वाली घटना भोपल के शक्ति नगर की है। जहां BDMS कर चुकी सुधाश्री रॉयल विला के फ्लैट में किराए से रहती थीं। वह एक डॉक्टर के पास प्रैक्टिस कर रही थीं। लेकिन रविवार शाम को जब वह क्लिनिक नहीं पहुंचीं तो डॉक्टर ने पहले फोन लगाया। इसके बाद वह अपनी टीम के साथ मृतका के फ्लैट पर पहुंचे। जब दरवाजा खटखटाने पर नहीं खोला तो खिड़की से झांककर देखा तो पंखे से उसका शव लटक रहा था। इसके बाद स्थानीय लोगों ने पुलिस को बुलाया।
ज्यादा किसी से बात नहीं करती थीं. लेकिन सोशल मीडिया पर थीं एक्टिव
एएसपी राजेश सिंह भदौरिया को महिला के बार में जानकारी देते हुए पड़ोसियों ने बताया कि 29 साल की सुधाश्री सोनी सिंगरौली की रहने वाली थी। उसने आरकेडीएफ कॉलेज से BDMS किया था। जिसके बाद वह डॉक्टर के पास प्रैक्टिस करने लगी। वह 5-6 साल से रॉयल विला के फ्लैट में किराए से रह रही थी। हालांकि वो ज्यादा किसी से बात नहीं करती थी। वह सामने वाले फ्लैट के लोगों तक से बात नहीं करती थीं। लेकिन सुधाश्री सोशल मीडिया पर काफी एक्टिव रहती थीं। उससे मिलने के लिए माता-पिता भी दो-तीन महीने में एक बार आया-जाया करते थे।
भाई रूस में तो पिता हैं रिटायर्ड टीचर
बता दें कि पुलिस को शव के साथ जो सुसाइड नोट मिला है, उसमें किसी एक युवक का जिक्र है। साथ उसके लिए आई लव यू भी लिखा हुआ है। लेकिन उनसे अपनी मौत के लिए किसी को जिम्मेदार नहीं बताया है। हालांक पुलिस ने जांच शुरू कर दी है। फिल सुसाइड करने की कोई वजह सामने नहीं आई है। सुधाश्री का एक भाई रूस में रहता है, जबकि पिता रिटायर्ड टीचर हैं। सुधाश्री सुबह करीब 9.30 बजे क्लिनिक चली जाती थीं। दोपहर में 2 बजे आने के बाद शाम को फिर क्लिनिक जाती थीं।