सार
मध्य प्रदेश के बैतूल में स्कूल नहीं जा पाने के कारण 9वीं कक्षा के छात्र ने आत्महत्या कर ली। ये लड़का इतने गहरे सदमे में आ गया कि घर के पीछे एक पेड़ पर लटक कर फांसी लगा ली, जिससे उसकी मौत हो गई। मामला घोड़ाडोंगरी के आमडोह गांव का है। पुलिस ने मामले की जांच शुरू कर दी है।
बैतूल। मध्य प्रदेश (Madhya Pradesh) के बैतूल (Betul) जिले में एक दिलदहलाने देने वाला मामला सामने आया है। यहां एक 9वीं क्लास में पढ़ने वाले एक स्टूडेंट (Student) की सोमवार को स्कूल बस छूट गई तो वह रोते हुए घर आया। यहां उसने स्कूटी की चाबी मांगी, मगर मां ने किसी जरूरी काम का हवाला देकर चाबी नहीं दी। इससे ये लड़का इतने गहरे सदमे में आ गया कि घर के पीछे एक पेड़ पर लटक कर फांसी लगा ली, जिससे उसकी मौत हो गई। मामला घोड़ाडोंगरी के आमडोह गांव का है।
घोड़ाडोंगरी पुलिस चौकी प्रभारी रवि शाक्य के मुताबिक, प्रफुल्ल सरदार का 13 साल का बेटा राहुल 9वीं में पढ़ता था और गांव से 6 किमी दूर चोपना के सरकारी स्कूल में यात्री बस से अन्य बच्चों के साथ स्कूल जाता था। सोमवार सुबह 9 बजे वह स्कूल जाने के लिए घर से निकला। बस स्टॉप पर कंडक्टर ने स्कूली बच्चों को बैठाने से इनकार कर दिया, जिसके चलते राहुल समेत अन्य बच्चे घर लौट गए। राहुल अपनी क्लास मिस नहीं करना चाहता था, इसलिए उसने घर पहुंचकर मां से स्कूटी मांगी। मां ने चोपाना में बाजार का दिन होने की वजह से भीड़ में स्कूटी ले जाने से मना कर दिया। मां का कहना था कि बेटा अभी ठीक से गाड़ी नहीं चला पाता था। बाजार में भीड़ होती थी, ऐसे में डर रहता था।
पिता मुंबई में रहते, बेटे का गाड़ी देने से मना कर रखा था
बताते हैं कि स्कूल नहीं पहुंच पाने से राहुल दुखी हो गया और डिप्रेशन में चला गया। इसके बाद वह घर के पीछे की तरफ गया और फांसी लगा ली। बाद में मां ने उसकी तलाश की तो वह पेड़ पर लटका मिला। राहुल के पिता मुंबई में रहते हैं और कारपेंटरी का काम करते हैं। उन्होंने भी पत्नी को मना कर रखा था कि बेटा अभी छोटा है, इसलिए स्कूटी मत देना। राहुल की एक बड़ी बहन है और एक छोटा भाई भी है।
चाचा बोले- पढ़ाई को लेकर गंभीर था राहुल
राहुल के चाचा कनिक सरदार ने बताया कि उनकी भाभी ने बताया कि स्कूल जा रहा था, लेकिन बस छूट जाने से स्कूल नहीं जा पाया और घर लौट आया। थोड़ी देर बाद ही घर के पीछे उसने पेड़ पर लटककर फांसी लगा ली। राहुल रोज स्कूल जाता था। वह कभी स्कूल मिस नहीं करता था। पढ़ाई को लेकर वह काफी सीरियस रहता था। सोमवार को स्कूल मिस होने से वह बहुत दुखी हो गया था। इधर, ग्रामीणों का कहना था कि इस घटना के लिए बस का कंडक्टर जिम्मेदार है। उसने राहुल को बस में नहीं बैठाया, इसलिए उसकी क्लास मिस हो गई और ये घटना घटी। बताते हैं कि बाजार का दिन होने के चलते ये बस भौंरा से ही ठसाठस भरी थी। जगह नहीं होने से कंडक्टर ने बच्चों को बस में नहीं बिठाया था।
बच्चों पर ज्यादा ध्यान दें घरवाले
मानसिक रोग विशेषज्ञ के मुताबिक, आज-कल डिप्रेशन के कारण बच्चे, स्टूडेंट और युवा सुसाइड कर रहे हैं। सोशल मीडिया पर बच्चों की बढ़ रही एक्टिविटी बहुत हद तक इसके लिए जिम्मेदार है। परिवार को ऐसे में बच्चों की गतिविधियों पर ध्यान देने की जरूरत है। घोड़ाडोंगरी सीएचसी के डॉक्टर अभिनव शुक्ला का कहना है कि फिलहाल राहुल की खुदकुशी का सही कारण जांच के बाद ही पता चल पाएगा।
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