सार
देश में कोयले की कमी से बिजली की किल्लत बढ़ सकती है। सूत्रों के मुताबिक कोयला खदानों से दूर के पावर प्लांट्स में कोयले की कमी हो रही है। इससे उत्पादन प्रभावित हो सकता है।
नई दिल्ली। देश भर में बिजली की बढ़ती डिमांड के बीच कोयले (Coal Crisis in power plants) के संकट की खबरें आ रही हैं। कोयला खदानों से दूरी पर स्थित पॉवर प्लांट्स में कोयले का संकट पैदा होता दिख रहा है। सूत्रों के मुताबिक गुुरुवार तक इन पावर प्लांट्स के पास 26 प्रतिशत कोल स्टॉक (Coal Stock) था। ऐसे में बढ़ता संकट देख बिजली आपूर्ति प्रभावित होने की आशंका बढ़ गई है। विशेषज्ञों की मानें तो कोयले की कमी से उत्पादन प्रभावित हो सकता है।
महाराष्ट्र आयात करेगा कोयला
महाराष्ट्र सरकार ने हाल ही में कोयला आयात करने का फैसला किया है। मध्यप्रदेश में भी मुख्यमंत्री की मौजूदगी में एक कार्यक्रम में बिजली चली गई थी, जिसके बाद प्रमुख सचिव ऊर्जा ने कोयले की आपूर्ति बढ़वाने की डिमांड की थी। मध्यप्रदेश के शहरी इलाकों को छोड़कर गांवों की हालत खराब हो रही है। कई गांवों में 10 से 12 घंटे की रोस्टिंग की जा रही है। उत्तर प्रदेश में तो हालात पहले से ही बदतर हैं।
गुरुवार तक था 26 प्रतिशत कोल स्टाॅक
बताया जा रहा है कि खानों से दूर स्थित ताप बिजलीघरों के पास सामान्य का सिर्फ 26 प्रतिशत भंडार था, जो पर्याप्त मात्रा नहीं कही जा सकती है। नॉन-पिटहेड ताप बिजलीघर कोयलों खानों से काफी दूर होते हैं और इन संयंत्रों में कोयले का स्टॉक काफी महत्व रखता है। केंद्रीय विद्युत प्राधिकरण (CEA) के अनुसार, सोमवार (18 अप्रैल) से गुरुवार (21 अप्रैल) तक लगभग 163 गीगावॉट की कुल उत्पादन क्षमता वाले 155 नॉन-पिटहेड पॉवर प्लांट्स में कोयले का भंडार 26 प्रतिशत था, जो सामान्य नहीं माना जा सकता।
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17 फीसदी बढ़ी है बिजली की डिमांड
सीईए लगभग 202 गीगावॉट की कुल उत्पादन क्षमता वाले 173 बिजली संयंत्रों में कोल स्टॉक की निगरानी करता है। इनमें लगभग 39 गीगावॉट की कुल उत्पादन क्षमता वाली 18 पिटहेड परियोजनाएं शामिल हैं। कोयला खानों के नजदीक स्थित ताप बिजली घरों में सामान्य तौर पर कोयले की कमी की समस्या नहीं आती है। लेकिन वर्तमान समय में खानों से दूर के संयंत्रों में कोयले की स्टॉक की स्थिति बहुत खराब हुई है। 21 मार्च, 2022 को ऐसे 155 पॉवर प्लांट्स के पास कोयले के 57,616 हजार टन स्टॉक की तुलना में 17,752 हजार टन था। यह सामान्य ये 31 फीसदी है। इधर, गर्मियां जल्दी आने से मांग करीब 30 गीगावॉट या 17 प्रतिशत बढ़ी है।
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