सार
DCGI ने भारत बायोटेक द्वारा बच्चों के लिए बनाए गए कोविड-19 वैक्सीन Covaxin के आपातकालीन इस्तेमाल की मंजूरी दी है। 12 से 18 साल के बच्चों को यह टीका दिया जा सकेगा।
नई दिल्ली। कोरोना वायरस के नए वैरिएंट ओमिक्रॉन (Omicron) का संक्रमण देश में तेजी से फैल रहा है। इसके चलते फिर से कोरोना का टीका लगाने पर ध्यान केंद्रित किया जा रहा है। शनिवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Narendra Modi) ने भारत में भी बच्चों का कोरोना टीकाकरण शुरू करने की घोषणा की। 3 जनवरी से 15-18 साल के बच्चों को कोरोना का टीका दिया जाएगा।
कहा जा रहा है कि भारत में बच्चों को Covaxin Vaccine का डोज दिया जा सकता है। DCGI (Drug Controller General of India) ने इसकी मंजूरी दी है। DCGI ने भारत बायोटेक द्वारा बच्चों के लिए बनाए गए कोविड-19 वैक्सीन Covaxin के आपातकालीन इस्तेमाल की मंजूरी दी है। 12 से 18 साल के बच्चों को यह टीका दिया जा सकेगा। भारत बायोटेक ने बच्चों पर कोवैक्सिन का ट्रायल जून में शुरू किया था। यह टीका पहले से भरी सीरिंज में आ सकता है। Covaxin, Zydus Cadila के ZyCoV D के बाद दूसरा टीका बन गया है, जिसे भारत में 18 से कम आयु वर्ग के बच्चों के लिए अनुमति दी गई है।
सीरिंज में भरकर की जा सकती है टीकों की आपूर्ति
केंद्रीय औषधि मानक नियंत्रण संगठन (Central Drugs Standard Control Organization) के अधिकारियों ने कहा है कि 12-18 साल के बच्चों को भी वयस्कों के बराबर 0.5ml कोवैक्सिन की मात्रा दी जाएगी। 28 दिन के अंतराल पर टीका की दो डोज दी जाएगी। इस बात पर चर्चा की गई है कि किशोरों के लिए टीकों की आपूर्ति पहले से भरी हुई सीरिंज में की जा सकती है।
40 देशों में बच्चों को दिया जा रहा कोरोना का टीका
बता दें कि सब्जेक्ट एक्सपर्ट कमेटी ने कोरोना की तीसरी लहर की चेतावनी के बाद 12 मई को बच्चों पर कोवैक्सिन के ट्रायल की सिफारिश की थी। इसे मानते हुए DCGI ने ट्रायल की मंजूरी दी थी। दुनियाभर के 40 से भी ज्यादा देश अलग-अलग शर्तों के साथ बच्चों को कोरोना वैक्सीन दे रहे हैं। क्यूबा में 2 साल से ज्यादा उम्र के बच्चों को वैक्सीन लगाई जा रही है। वहीं, साउथ कोरिया, ऑस्ट्रेलिया और फिलीपींस में 12 साल से ज्यादा उम्र के बच्चों का वैक्सीनेशन हो रहा है।
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