गंगा नदी ना होती तो क्या होता?
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भारतीय नदियों को देवता मानते हैं। गंगा नदी में एक बार स्नान करना हर हिंदू की इच्छा होती है। गंगा नदी भारत की प्रमुख नदियों में से एक है।
भारत में गंगा केवल नदी नहीं है। गंगा नदी करोड़ों लोगों की आस्था, भारतीय सभ्यता और संस्कृति का अभिन्न अंग है। आज गंगा नदी लाखों लोगों का जीवन और जीविका है। क्या आपने कभी सोचा है कि अगर भारत में गंगा नदी न होती तो क्या होता?
अगर भारत में गंगा नदी नहीं होती तो एक हिस्सा रेगिस्तान या बंजर भूमि होता। उत्तर भारत के कई राज्यों में पीने के पानी का संकट होता। आज गंगा नदी कई राज्यों के लिए पीने के पानी का स्रोत है।
गंगा नदी से केवल कृषि क्षेत्र का ही विकास नहीं हुआ है। नदी से जल परिवहन, मछली पालन जैसे रोजगार भी पैदा हुए हैं। गंगा नदी से ही कई लोगों का जीवनयापन चलता है। नदी न होती तो बेरोजगारी बढ़ती।
गंगा नदी के किनारे की मिट्टी बहुत उपजाऊ होती है। गंगा नदी के किनारे के इलाकों में खाद्यान्न का उत्पादन होता है। यहाँ की कृषि समृद्ध है। नदी न होती तो देश को खाद्यान्न की कमी का सामना करना पड़ता। गंगा नदी के कारण आसपास के इलाके का भूजल स्तर भी ऊँचा है।
गंगा नदी में कई तरह के जलचर पाए जाते हैं। नदी न होती तो इन जीवों के अस्तित्व पर खतरा होता। गंगा नदी के किनारे करोड़ों लोग रहते हैं। दुनिया की किसी भी नदी के किनारे इतने लोग नहीं बसे हैं। अगर नदी न होती तो जलचरों और लोगों की आजीविका पर असर पड़ता।