सार
भारत-चीन अपने सीमा विवाद को निपटाने के लिए 14वें राउंड की वार्ता करेंगे। 12 जनवरी को होने वाली यह वार्ता चुसुल-मोल्दो प्वाइंट पर रखी गई है।
नई दिल्ली। भारत-चीन (India-China) अपने सीमा विवाद (LAC issue) को निपटाने के लिए 14वें राउंड (14th round meeting) की वार्ता करेंगे। 12 जनवरी को होने वाली यह वार्ता चुसुल-मोल्दो प्वाइंट (Chushul-Moldo point) पर रखी गई है। वरिष्ठ सर्वोच्च सैन्य कमांडर लेवल (SHMCL meeting) की इस मीटिंग में कई महत्वपूर्ण मुद्दों पर चर्चा की जाएगी। भारतीय पक्ष ने बताया कि एलएसी (LAC) के साथ स्थिति चीनी पक्ष द्वारा यथास्थिति को बदलने और द्विपक्षीय समझौतों के उल्लंघन के एकतरफा प्रयासों के कारण हुई थी। इसलिए यह आवश्यक था कि चीनी पक्ष शेष क्षेत्रों में उचित कदम उठाए ताकि पश्चिमी क्षेत्र में एलएसी के साथ शांति और शांति बहाल हो सके।
13वां राउंड रहा बेनतीजा
कमांडरों की स्तर की बैठकों के अंतिम दौर में चीनी पक्ष के कारण कोई परिणाम नहीं निकला। भारत-चीन कोर कमांडर स्तर की बैठक का 13वां दौर चुशुल-मोल्दो सीमा पर आयोजित था। मीटिंग के दौरान, दोनों पक्षों के बीच चर्चा पूर्वी लद्दाख में एलएसी के साथ शेष मुद्दों के समाधान पर केंद्रित रही। भारतीय पक्ष ने बताया कि एलएसी के साथ स्थिति चीनी पक्ष द्वारा यथास्थिति को बदलने और द्विपक्षीय समझौतों के उल्लंघन के एकतरफा प्रयासों के कारण हुई थी। इसलिए यह आवश्यक था कि चीनी पक्ष शेष क्षेत्रों में उचित कदम उठाए ताकि पश्चिमी क्षेत्र में एलएसी के साथ शांति और शांति बहाल हो सके।
भारतीय पक्ष ने इस बात पर बल दिया कि शेष क्षेत्रों के ऐसे समाधान से द्विपक्षीय संबंधों में प्रगति को सुगम बनाया जा सकेगा। मीटिंग में भारतीय पक्ष ने शेष क्षेत्रों को हल करने के लिए रचनात्मक सुझाव दिए, लेकिन चीनी पक्ष सहमत नहीं था और कोई दूरंदेशी प्रस्ताव भी नहीं दे सका। हालांकि, मीटिंग में कोई सहमति नहीं बन सकी।
सितंबर में दोनों देशों के विदेश मंत्रियों ने मीटिंग पर सहमति
सितंबर में दुशांबे में बैठक के दौरान भारत और चीन के विदेश मंत्रियों के बीच हुए समझौते को याद कर यह सहमति बनाई गई कि दोनों पक्षों के सैन्य और राजनयिक अधिकारियों को पूर्वी लद्दाख में वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) के साथ शेष मुद्दों को हल करने के लिए अपनी चर्चा जारी रखनी चाहिए।
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