सार
भारत की स्वदेशी परमाणु पनडुब्बी INS अरिघात जल्द ही नौसेना में शामिल होगी। इससे भारत की नौसेना शक्ति कई गुना बढ़ जाएगी। रिपोर्ट्स के मुताबिक, इसके लिए कई परीक्षण किए गए हैं और इसमें कई तरह के नए अपडेट भी किए गए हैं।
भारत की स्वदेशी परमाणु पनडुब्बी INS अरिघात जल्द ही नौसेना में शामिल होगी। इससे भारत की नौसेना शक्ति कई गुना बढ़ जाएगी। रिपोर्ट्स के मुताबिक, इसके लिए कई परीक्षण किए गए हैं और इसमें कई तरह के नए अपडेट भी किए गए हैं।
एसएसबीएन INS अरिघात अपने परीक्षण और उन्नयन के अंतिम चरण में है। सूत्रों ने बताया कि अगले दो महीनों में पनडुब्बी के आधिकारिक तौर पर चालू होने की उम्मीद है। कमीशनिंग के बाद, INS अरिघात 2016 में नौसेना में शामिल हुए INS अरिहंत के साथ जुड़ जाएगा।
भारतीय नौसेना की परमाणु ईंधन से चलने वाली और परमाणु बैलिस्टिक मिसाइलों से लैस दूसरी पनडुब्बी, अरिघात एक अत्याधुनिक एसएसबीएन है। इसे विशाखापत्तनम स्थित शिप बिल्डिंग सेंटर में बनाया गया है। इसका वजन 6000 टन है। लंबाई करीब 113 मीटर है। बीम 11 मीटर और ड्राफ्ट 9.5 मीटर है।
यह पानी के भीतर 980 से 1400 फीट की गहराई तक जा सकती है। यह अनिश्चित काल तक पानी में डूबी रह सकती है। आईएनएस अरिघात में 12 के15 एसएलबीएम तैनात किए गए हैं। पनडुब्बी से दागी जाने वाली बैलिस्टिक मिसाइल की रेंज 750 किलोमीटर है।
इसमें 3500 किलोमीटर की मारक क्षमता वाली चार K4 मिसाइलें भी हैं। इसके अलावा इस पनडुब्बी में छह 21 इंच के टॉरपीडो भी लगे हैं। इसके अलावा, कई टॉरपीडो ट्यूब हैं जिनका उपयोग टॉरपीडो, मिसाइल या समुद्री खदानों को तैनात करने के लिए किया जा सकता है। इस पनडुब्बी के अंदर एक न्यूक्लियर रिएक्टर भी लगाया गया है। यह परमाणु ईंधन का उपयोग करके इस पनडुब्बी को सतह पर 28 किमी/घंटा और पानी के भीतर 44 किमी/घंटा की गति प्रदान करेगा।
आईएनएस अरिहंत के साथ अब यह नई आईएनएस अरिघात पनडुब्बी भी नौसेना में शामिल होने जा रही है, जिससे देश के दोनों ओर के तट दुश्मनों के हमलों से सुरक्षित हो जाएंगे। इस पनडुब्बी की मौजूदगी के कारण पाकिस्तान या चीन भारत पर हमला करने की हिम्मत नहीं करेगा। इतना ही नहीं खबरें तो यह भी हैं कि भारत तीसरी परमाणु पनडुब्बी बनाने की तैयारी भी कर रहा है।